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बरसात में फिर जलजमाव से त्रस्त होंगे शहरवासी

समस्तीपुर। बरसात में फिर शहरवासी जलजमाव से त्रस्त होंगे। नगर परिषद क्षेत्र व आसपास की आबादी तेजी से

By Edited By: Published: Thu, 18 Jun 2015 10:40 PM (IST)Updated: Thu, 18 Jun 2015 10:40 PM (IST)

समस्तीपुर। बरसात में फिर शहरवासी जलजमाव से त्रस्त होंगे। नगर परिषद क्षेत्र व आसपास की आबादी तेजी से बढ़ती गई लेकिन इस हिसाब से जलनिकासी की कोई माकूल व्यवस्था नहीं हो सकी है। फिलवक्त नगर परिषद व आसपास की आबादी चार लाख पहुंच गई है। बरसात के दिनों की बात तो दूर आम दिनों में लोगों द्वारा प्रत्येक 5.6 करोड़ लीटर पानी का उपयोग किया जाता है। तकरीबन पांच करोड़ लीटर पानी घरों से बाहर बहाए जाते हैं। कई हिस्सों में नाले का पानी हमेशा ओवर फ्लो होकर सड़क पर बहता रहता है। बरसात के दिनों में इलाकों में तो लोगों के घरों में भी पानी घुस जाता है। कुछ इलाकों में सालों भर जलजमाव की स्थिति बनी रहती है। शहर के कुछ क्षेत्रों में मुख्य नाला निर्माण हुआ है कुछ में काम जारी है। कई पुराने नाले ध्वस्त भी हो चुके हैं। शहर के रेलवे लाइन के उतरी हिस्से से जल को बहार निकालने का एक मात्र रास्ता बूढ़ी गंडक नदी ही है। शहर के नाले के पानी को स्लूइस गेट के जरिए बूढ़ी गंडक नदी में बहाया जाता है। बाढ़ के दिनों में नदी में पानी भर जाने के कारण स्लूइस गेट बंद कर दिया जाता जिससे जलनिकासी बाधित हो जाती है । पूरे शहर में जल जमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

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क्या नाले के सफाई की व्यवस्था

शहर के नालों की सफाई के लिए पूर्व में 228 कर्मी बहाल थे लेकिन फिलवक्त इस काम के लिए 112 कर्मी बच गए है। प्रत्येक वार्ड में नालों की सफाई के लिए कर्मी तैनात किए गए हैं।

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आम लोग भी नहीं बरत रहे सावधानी

नालों को गंदा करने में आम लोग भी सावधानी नहीं बरत रहे है। नालों में पॉलीथिन फेंका जाता है जो गल नहीं पाता तथा नाले को जाम देता है। इसके अलावा शहर में कहीं भी कूड़ेदान नहीं रहने के कारण लोग कचरा भी नाले में ही फेंक देते हैं।

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छह वर्षो में बने कई मुख्य नाले

आज से छह वर्ष पूर्व शहर में मुख्य नाले का अभाव था। प्रमुख हिस्सों में साधारण नाले से ही जलनिकासी होती है। इस हाल के दिनों में शहर में कई जगहों पर मुख्य नाले का निर्माण कराया गया है कुछ मुख्य नाले के निर्माण का काम जारी है। मुख्य नाला मारवाड़ी बाजार, समस्तीपुर रोसड़ा मार्ग, ताजपुर रोड, स्टेशन रोड में बनाया गया है। थानेश्वर स्थान से जमुआरी नदी तक सड़क के दोनों ओर मुख्य नाले के निर्माण का कार्य चल रहा है।

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इन इलाकों में जलजमाव से परेशानी

शहर के बारह पत्थर, काशीपुर, बहादुरपुर सहित कई हिस्सों में अब भी नाले नहीं है। काशीपुर के कई इलाकों में जलजमाव की समस्या बनी रहती है। समस्तीपुर मुसरीधरारी मुख्य पथ पर मवेशी अस्तपाल से विवेक बिहार चौक तक वर्षा होने पर सड़क पर पानी फैल जाता है। आस-पास के लोगों के घरों में भी पानी घुस जाता है। काशीपुर के पुराने वीमेंस कॉलेज रोड, आदर्शनगर, वीरकुवंर ¨सह कॉलोनी, सहित कई इलाकों में हमेशा जलजमाव रहने से लोगों को परेशानी होती है।

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कई सीवेरज जानलेवा बने

शहर के कई हिस्सों में जल निकासी के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर बड़े शहर के तर्ज पर सड़क के बीचोंबीच सीवरेज का निर्माण कराया गया था। ऐसे सीवेरज से जल निकासी तो नहीं ही हो रही बीच सड़क पर बने स्लैब घटिया निर्माण के कारण टूटकर जानलेवा बन गए हैं। आदर्शनगर चौक से भूईधारा तक तकरीबन एक करोड़ 68 लाख की लागत से शहर के बीचोबीच नाले का निर्माण हुआ था। अभी तीन वर्ष भी नहीं पूरे हुए कई जगह ढलाई का काम ध्वस्त हो चुका है। फ्लैंक भी धंस गए है। इस नाले से पानी की निकासी की अबतक कोई व्यवस्था नहीं हो सकी है। नाले का पानी बरसात में सड़क के ऊपर से बहता है। नाले से पानी नहीं निकलने के कारण बदबू से लोग परेशान रहते हैं।

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महत्वपूर्ण नाले काम काफी धीमा

शहर के उत्तरी हिस्से से जल निकासी की महत्वपूर्ण योजना का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। थानेश्वर स्थान मंदिर से जमुआरी नदी तक सड़क के दोनों ओर नाले के निर्माण का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। नाला निर्माण का काम वर्ष 2012 में ही शुरू हुआ था। इस नाला का निर्माण कार्य लंबित रहने से शहर के कचहरी, समाहरणालय, बारह पत्थर, काशीपुर, विवेक बिहार, आजाद नगर, आदर्शनगर मोहनपुर सहित कई इलाकों का पानी निकलना था। इन क्षेत्रों में बरसात के दिनों में जलजमाव से लोगों को बड़ी परेशानी होती है। अतिक्रमण के कारण तीन जगहों पर कार्य बाधित है।

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वर्जन

नाले की नियमित सफाई कराई जाती है। सफाई कार्य के लिए 112 कर्मी हैं। कई मुख्य नाले बने है कुछ का काम चल रहा है।

शशिभूषण प्रसाद, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद।

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नाले की नियमित सफाई कराई जा रही है। इसके लिए जेसीबी मशीन का भी उपयोग किया जाता है। बरसात से पहले सभी नालों की सफाई करा लेने की योजना है। कोशिश की जा रही है गंदे नाले के पानी को बूढ़ी गंडक में नहीं बहाया जाए। बोर्ड की आगामी बैठक में इस पर विमर्श किया जाएगा।

अर्चना देवी, अध्यक्ष नगर परिषद, समस्तीपुर।


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