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सड़क दुर्घटना में आशा की मौत, सड़क जाम

समस्तीपुर। अनुमंडलीय अस्पताल पटोरी में कार्यरत आशा कार्यकर्ता शीला देवी (40) की बाइक से ठोकर के बाद

By Edited By: Published: Wed, 17 Jun 2015 10:51 PM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2015 10:51 PM (IST)
सड़क दुर्घटना में आशा की मौत, सड़क जाम

समस्तीपुर। अनुमंडलीय अस्पताल पटोरी में कार्यरत आशा कार्यकर्ता शीला देवी (40) की बाइक से ठोकर के बाद हुई मौत से आशा कार्यकर्ता उबल पड़ी। बुधवार को जैसे ही पोस्टमार्टम के बाद शीला का शव उसके गृह ग्राम शाहपुर उण्डी पहुंचा तो वैसे ही वहां मातम पसर गया। आक्रोशित आशा कार्यकर्ता व ग्रामीण, शीला के शव को लेकर चंदन चौक के समीप आ गये। लोगों ने पटोरी-समस्तीपुर मुख्य मार्ग को शव के साथ चंदन चौक के समीप जाम कर दिया। लोगों की मांग थी कि मृतक के परिजन को पारिवारिक लाभ योजना की राशि शीध्र मुहैया कराई जाए और दोषी को गिरफ्तार किया जाए। सूचना पर पहुंचे बीडीओ राजेश्वर राम व सीओ ईश्वर पंडित को भीड़ के कड़े आक्रोश का सामना करना पड़ा। भीड़ अधिकारियों की ओर दौड़ी तो वहां मौजूद कुछ लोगों ने भीड़ को शंात कराया। बाद में तत्काल पारिवारिक लाभ योजना की राशि का नगद भुगतान किया गया। ज्ञात हो कि शीला शाहपुर उण्डी निवासी तथा सरस्वती विद्या मंदिर पटोरी के आचार्य श्याम कुमार चौधरी की पत्नी थी। मंगलवार की रात शीला बाजार से शाहपुर उण्डी स्थित अपने घर लौट रही थी। चंदन चौक रेलवे क्रा¨सग के उत्तर मुख्य सड़क पर ही विपरित दिशा से आ रही पल्सर बाइक सवार ने उसे ठोकर मार दिया जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।

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नम आंखों से सहकर्मी को कंधा दे आशा कार्यकर्ताओं ने दी विदाई

शाहपुरपटोरी, संस.: नम आंखों से जब आशा कार्यकर्ताओं ने अपने सहकर्मी के शव को कंधा दिया तो मौजूद सैकड़ों लोगों की आंखों से आंसू टपक पड़े। पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही बुधवार को आशा कार्यकर्ता शीला देवी (40) का शव पटोरी पहुंचा वैसे ही पूरे क्षेत्र का माहौल गमगीन हो गया। आशा कार्यकर्ता शीला के शाहपुर उण्डी चौधरी टोले स्थित मुहल्ले में क्रंदन से मौजूद लोग भावुक हो गये। बाद में अंतिम यात्रा के क्रम में उसके शव को चंदन चौक के समीप लाया गया जहां आशा कार्यकर्ताओं के दर्शन के लिए उसे रखा गया। शव को देखते ही आक्रोश फूट पड़ा। बाद में आशा कार्यकर्ताओं ने प्रशासन से मांग की कि शीला के परिजन को दो लाख रूपये मुआवजा के रूप में दी जाए। उसके शव को अनुमंडलीय अस्पताल पर ले जाया गया जहां आशा कार्यकर्ताओं ने मांग की कि उसके बकाये मानदेय का भुगतान शीध्र कराया जाए। अंतिम विदाई के समय सरस्वती शिशु मंदिर के सभी शिक्षकों ने शीला के पति को अपने स्तर से आर्थिक सहायता प्रदान की है और भविष्य में भी आर्थिक मदद करने का वचन दिया है। आशा कार्यकर्ताओं ने अपने पास के सभी पैसे और आभूषणों को शव पर चढ़ा दिया तथा स्वयं कंधा देकर नम आंखों से अपने सहकर्मी को विदा किया।


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