दूसरा जन्म हुआ हमारा
मोरवा, संस : नेपाल काठमांडू के धरहारा टावर के समीप स्थित कंकाली मोहल्ला में भूकंप की त्रासदी आज भी उ
मोरवा, संस : नेपाल काठमांडू के धरहारा टावर के समीप स्थित कंकाली मोहल्ला में भूकंप की त्रासदी आज भी उनकी आंखों के सामने वैसे ही घुम रही है। इस आपदा से बचकर निकलने को वे दूसरा जन्म ही मानते हैं। यह कहना है मोरवा बाजार के स्वर्ण व्यवसायी रंजीत ठाकुर का। वे काठमांडू के न्यू रोड में स्वर्णाभूषण की दुकान चलाते थे। उनका मानना है कि भगवान ने हमें अपने परिवार के साथ दूसरा जन्म दिया है। कहते हैं कि शनिवार होने के कारण नेपाल में छुट्टी का दिन था। इसलिए सभी अपने घर में ही थे। बच्चे भी स्कूल नहीं गए थे। यदि कोई और दिन होता और बच्चे स्कूल गए होते तो न जाने क्या हो जाता। घटनाक्रम के बारे में बताते हुए उनकी आंखों से अविरल आंसूओं की धार निकल पड़ती है। उनके सही सलामत मोरवा पहुंचने पर उनके परिवार के अलावे मोरवा बाजार के लोगों में हर्ष व्याप्त है। बता दें कि रंजीत ठाकुर अपने बच्चे व पत्नी के साथ नेपाल के काठमांडू में स्वर्णाभूषण दुकान चलाते हैं। उस भूकंप के दिन भी वे धरहारा टावर से मात्र 200 गज की दूरी पर अवस्थित कंकाली मोहल्ला में अपने आवास पर थे। तभी भूकंप आ गया। जिससे अफरा-तफरी मच गई। लोग जान बचाने के लिए इधर - उधर भागने लगे। वे भी अपने बच्चे व पत्नी के साथ घर से भागे। उनके बच्चे इतने डरे हुए हैं कि मोरवा में भी अपने घर में जाने से डर रहे हैं। उनकी मां ने रोते हुए बताया कि भगवान ने ही मेरे बच्चे को सही सलामत बचाया। रंजीत ने बताया कि भूकंप के बाद सबसे पहले देश की मोदी सरकार ने राहत कार्य शुरू किया। भारत से आए विमान ने लोगों को जल्दी से जल्दी नेपाल से बाहर ले जाने का काम शुरू कर दिया। वही अन्य राहत सामग्री भी सरकारी कैम्पों में पहुंचाया जाने लगा। जिससे इस त्रासदी में लोगों ने राहत महसूस किया।