सत्ता में भागीदारी को संघर्ष करेंगे काष्ठकर्मी
समस्तीपुर, संस : विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति (काष्ठ कर्मी संघ) का छठा दो दिवसीय महाधिवेशन
समस्तीपुर, संस : विश्वकर्मा काष्ठ शिल्पी विकास समिति (काष्ठ कर्मी संघ) का छठा दो दिवसीय महाधिवेशन शनिवार को प्रारंभ हुआ। संस्था के संस्थापक कमलदेव ठाकुर द्वारा झंडोत्तोलन के साथ अधिवेशन प्रारंभ हुई। मंच संचालन शिवपूजन शर्मा ने की। कार्यक्रम की अध्यक्षता संयुक्त मंडल अध्यक्ष रामचंद्र शर्मा, कमलेदव ठाकुर, सुरेन्द्र नारायण ठाकुर ने की। कार्यक्रम का उदघाटन ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति मिश्रीलाल ठाकुर ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान मुख्य अतिथि के रुप में कृषि, जल संसाधन एवं सूचना जन संपर्क मंत्री विजय कुमार चौधरी, विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय अध्यक्ष नेपाल मीणा कुमारी शर्मा एवं राष्ट्रीय बरही महासभा के हरेराम ठाकुर उपस्थित थे। इस दौरान राज्य महासचिव राम भरोस शर्मा ने कहा कि बिहार के 38 जिले से 1043 चुने हुए प्रतिनिधि इस अधिवेशन में भाग ले रहे है। हमारे काष्ठ कर्मियों की संख्या 78 लाख है। जो लकड़ी पेशा से जुड़े हुए है। भारतीय वन अधिनियम 1972 को बिहार संसोधन 1990 लाकर कई धारा 33, 41, 42 को बिहार में लागू कर बढ़ई कामगार को अपने पैतृक औजार से काम करने पर रोक लगा दिया है। बिहार काष्ठ चिरान अधिनियम 1990 बना कर आरामिल की की संख्या को विनियमित कर दिया है। उक्त कानून के तहत हमारे 18000 काष्ठ कर्मी जेल जा चुके है। रोजी रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। इस दौरान दो सौ परिवार उजर गए। प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र शर्मा ने कहा कि काष्ठ कर्मी असंगठित निर्माण श्रमिक है। जो 85 प्रतिशत दैनिक मजदूरी पर आधारित है। असंगठित मजदूरों के हित के लिए जो लाभान्वित योजना सरकार द्वारा चलाया गया है उनसे हम अभी तक वंचित रहे है। इस महाधिवेशन में हमलोग निर्णय लेगे कि सत्ता में भागीदारी हेतु संघर्ष करेंगे। महाधिवेशन को एटक राज्य सचिव नारायण पूर्वे, विजय शर्मा, राम सेवक शर्मा, शर्मानंद ¨सह, रामसुंदर शर्मा, लाल बाबू शर्मा, जय नारायण शर्मा, भरत शर्मा, मिरीलाल ठाकुर, सत्यनारायण ठाकुर, जगदीश शर्मा आदि उपस्थित थे।