धीमी गति से योजनाओं पर ग्रहण
जासं, समस्तीपुर : जिले में योजनाओं का ग्रह दशा ठीक -ठाक नहीं चल रहा है। धीमी गति का ग्रहण योजनाओ
जासं, समस्तीपुर : जिले में योजनाओं का ग्रह दशा ठीक -ठाक नहीं चल रहा है। धीमी गति का ग्रहण योजनाओं से छंट नहीं रहा है। राशि पड़ी रह जाती और काम पूरा नहीं हो पाता। वित्तीय वर्ष खत्म होने में सिर्फ 20 दिन बचे हैं लेकिन लंबित योजनाओं की सूची लंबी है। कई योजनाओं की तो राशि ही अभी आई है। कई के निविदा तक नहीं हुई है। कुछ योजनाएं प्रशासनिक स्वीकृति के लिए अटकी हुई। माननीय की योजनाओं की भी स्थिति ठीक-ठीक नहीं चल रही। सांसद भी बदल गए लेकिन, उनकी योजनाएं अधूरी है। नए सांसदों के तो कई योजनाओं का काम भी शुरू नहीं हो सका है। समस्तीपुर सुरक्षित के सांसद तो और पीछे चल रहे हैं। राज्यसभा सांसदों की योजनाओं का हाल बुरा है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, मुख्यमंत्री संपर्क सड़क योजना, शहरी विकास योजना का भी वहीं हाल है। बीआरजीएफ की योजनाएं भी लंबित योजनाओं की सूची में शामिल है। मनरेगा की तो बात ही करना बेमानी है। कई विभागों ने बिल्कुल ही राशि का इस्तेमाल नहीं किया है। शायद इंतजार किया जा रहा है कि बाकी बची रकम भी आ जाए और फिर एक साथ पूरे बजट को आनन-फानन में ठिकाने लगाया जाए। जिले में गत वर्ष की भी कई योजनाएं लंबित है।
बदल गए माननीय योजनाएं रह गई अधूरी
जिले में माननीय के योजनाओं की स्थिति भी ठीक-ठाक नहीं चल ही है। सांसद तो बदल गए पर उनकी पूरी योजनाएं अधूरी ही रह गई। नए सांसदों कोटे का तो काम भी शुरू नहीं हुआ है। उजियारपुर की पूर्व सांसद अश्वमेध देवी के संसदीय क्षेत्र की 85 में से 70 योजनाएं पूरी हुई है। 15 लंबित है। वहीं समस्तीपुर सुरक्षित के सांसद महेश्वर हजारी के समय की 26 योजानओं में से 22 पूरी हुई है। 4 अपूर्ण है। खगड़िया के पूर्व सांसद दिनेशचंद्र यादव की 45 में से 35 योजनाएं पूर्ण है। दस अपूर्ण है। रामविलास पासवान की 10 में 8 योजनाएं पूर्ण हुई है। दो अपूर्ण है। राज्यसभा संासद रामनाथ ठाकुर की 35 में 25 योजनाएं पूर्ण हुई है। राज्यसभा सांसद अनिल कुमार सहनी की 38 योजनाओं में से मात्र तीन योजनाएं ही पूर्ण हुई है। समस्तीपुर सुरक्षित के सांसद के रामचंद्र पासवान अभी एक भी योजना नहीं आई है। वहीं उजियारपुर के सांसद नित्यानंद राय ने 90 स्कूलों में शौचालय व पेयजल आदि की योजनाएं दी है जिसका एस्टीमेट ही बन रहा है।
संसदीय योजनाओं की वित्तीय स्थिति
राज्यसभा सांसद रामनाथ ठाकुर ने दो टर्म में ढाई-ढाई करोड़ रुपये दिए हैं। इनके मद का दो करोड़ 49 लाख बचा हुआ है। रामविलास पासवान ने 7 लाख 10 हजार रुपये दिए थे 5 लाख 51 हजार रुपये खर्च हुए हैं। सांसद दिनेशचंद्र यादव ने 3 करोड 32 लाख 58 हजार रुपये दिए थे। 3 करोड़ 16 लाख रुपये खर्च हुए हैं 15 लाख बचे हुए हैं। सांसद अश्वमेध देवी ने 3 करोड़ 19 लाख 44 हजार रुपये दिए थे। 2 करोड़ 19 लाख 46 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। 99 लाख 96 हजार रुपये बचे हुए हैं। सांसद महेश्वर हजारी ने 2 करोड़ 87 लाख 97 हजार रुपये दिए थे। इनमें से 1 करोड 65 लाख 99 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। 60 लाख 96 हजार रुपये शेष हैं। ----------------
मनरेगा का तो होता रहा बंटाधार
मनरेगा जब से शुरू हुई तब से अबतक 35825 योजनाएं ली गई है। इनमें से अबतक मात्र 11994 योजनाएं ही पूरी हुई है। बांकी का काम लंबित है। बीआरजीएफ 87 योजनाओं में 73 योजनाएं पूर्ण हुई 14 योजनाएं लंबित है। जिला परिषद की चतुर्थ राज्य वित्त आयोग की राशि से चालू वर्ष में 63 योजनाएं ली गई इनमें 36 योजनाएं की पूर्ण हुई है। 20 योजनाएं अपूर्ण है तथा सात योजनाएं स्थगित कर दी गई। 13 वीं वित्त् आयोग से कुल 159 योजनाएं ली गई इनमें से 47 योजनाएं ही पूर्ण हो सकी है। 112 योजनाएं लंबित है।
प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना की 82 में पूर्ण हुई 4 योजना
ग्रामीण कार्य विभाग, समस्तीपुर कार्य प्रमंडल के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना की स्थिति ठीक नहीं चल रही है। चालू वर्ष की 78 योजनाओं में से एक का काम भी पूरा नहीं हो सका है। वर्ष 2013-14 की 82 योजनाओं में से 4 का कार्य पूर्ण हुआ है। इसी तरह चालू वर्ष में मुख्यमंत्री संपर्क सड़क योजना की चालू वर्ष में 66 योजनाएं ली गई है। महज छह योजनाओं का टेंडर हुआ है। वर्ष 2013-14 की 23 योजनाओं में 10 योजनाएं पूर्ण हुई है।जिलें में मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के क्रियान्वयन की गति धीमी है। जिले में इस योजनान्तर्गत चयन समिति द्वारा कुल 270 योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए प्राथमिकता निर्धारित की गई, जिसके आलोक में कुल 76 योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है। कुल लंबित 102 योजनाओं में इस वित्तीय वर्ष में सिर्फ एक योजना ही पूर्ण हो पाई है।