डीआरएम को धमकी मामले में पकड़े गए दोनों बेकसूर निकले
- पूछताछ के बाद दोनों को किया गया मुक्त, लंबी चली पूछताछ, बगहा के निवासी हैं रामजी व उमाशंकर -
- पूछताछ के बाद दोनों को किया गया मुक्त, लंबी चली पूछताछ, बगहा के निवासी हैं रामजी व उमाशंकर
- एएसपी ने कहा- जलकर विवाद में फंसाया गया दोनों को जासं, समस्तीपुर : मंडल रेल प्रबंधक को धमकी देने के मामले में बगहा से पुलिस हिरासत में लिये गए दोनों आरोपी आखिरकार बेकसूर निकले। पूछताछ में मिली जानकारी के बाद की गई पुलिसिया जांच में भी दोनों आरोपियों की बात सच निकली। यह भी सच निकला कि दोनों को जलकर विवाद में किसी ने फंसा दिया है। मंडल रेल प्रबंधक अरुण मलिक से 1 करोड़ रुपये व भारी मात्रा में आग्नेयास्त्र मांगी गई थी। पत्र भेजने वाले ने अपने आपको रामजी सहनी बताते हुए एक नक्सली संगठन का एरिया कमांडर बताया था। 22 जनवरी को नगर थाना में इसकी एक प्राथमिकी भी दर्ज करायी गई। इसमें रामजी सहनी को आरोपित किया गया। इसके बाद सक्रिय हुई पुलिस ने पहले बगहा के नरईपुर से उमाशंकर सहनी को एवं फिर पटखौली ओपी क्षेत्र के कैलाशनगर से रामजी सहनी को पकड़ा। दोनों को पुलिस पूछताछ के बाद समस्तीपुर ले आई। पूछताछ में पुलिस को जानकारी इन दोनों ने दी उसके मुताबिक ये दोनों मतस्यजीवी सहयोग समिति के पदधारक हैं। इसमें उसका विवाद शंभू सहनी से चलता रहा है। इसी कारण उसने जानबूझकर हमें फंसा दिया है। पुलिस ने जब उसकी बातों की पड़ताल की तो मामला सच पाया गया। पूछताछ के बाद दोनों को पुलिस ने हिरासत से मुक्त कर दिया। एएसपी आनंद कुमार ने बताया कि मामले की जांच के क्रम में इन दोनों की संलिप्तता कहीं से भी डीआरएम को धमकी देने के मामले में नहीं पायी गई। इसलिए दोनों को छोड़ दिया गया है।