अहंकार से बचने के लिए बनाए जाते हैं गुरू
विद्यापतिनगर, संस : प्रखंड अंतर्गत विद्यापति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मऊ बाजिदपुर दक्षिण परिसर में आ
विद्यापतिनगर, संस : प्रखंड अंतर्गत विद्यापति उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मऊ बाजिदपुर दक्षिण परिसर में आयोजित नौ दिवसीय श्रीराम कथा के दूसरे दिन मंगलवार को प्रवचन का आयोजन किया गया। कथा में श्रीधाम अंडिला, उत्तरप्रदेश से पधारे मुख्य प्रवचनकर्ता ख्याति रामकथा मर्मज्ञी सुधीर जी महाराज ने गुरू की महिमा का बखान करते हुए कहा कि गुरू के ऊपर भारतीय संस्कृति टिकी हुई है। अहंकार से बचने के लिए गुरू बनाये जाते हैं। गुरु को पाने के लिए पात्रता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य को भोजन, भजन, वरण और मरण स्वयं ही करना पड़ता है। मनुष्य चाहे जो भी कार्य करे परंतु मुक्ति के लिए सदमार्ग ही आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने शिव पार्वती विवाह से संबंधित प्रसंगों को भी अध्यात्मिक भजनों के बीच सुनाया। जिसमें वहा बैठे सैकड़ों भक्त श्रद्धालु भक्ति सरिता में गोते लगाते रहे। रामकथा अमृत वर्षा के आयोजन से भक्ति से सराबोर हुए माहौल के बीच श्री सुधीर जी महाराज ने कहा कि व्यक्ति को अहंकार विनाश की ओर ले जाता है। मानव को अपने श्रेष्ठ कायरें की बदौलत ही सदगति मिलती है। उन्होंने गृहस्थ आश्रम को चारों आश्रमों में सर्वश्रेष्ठ बताते हुए गृहस्थ आश्रम पर विस्तृत चर्चा। ''श्री राधे गोपाल भज मन श्री राधे... के सुमधुर भक्तिमय भजनों ने उपस्थित श्रोताओं का जमकर मनोरंजन किया। कथा वाचन के दौरान श्री सुधीर जी महाराज ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास ने गुरुओं की महिमा ही नहीं अवगुणों का भी बखान किया। मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी सह जिला पार्षद रंजीत निर्गुणी, आयोजन समिति के सदस्य राजू कुमार सिंह, विजेन्द्र सिंह चौहान, मंडल भाजपा अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, प्रकाश पिंटु, राकेश कुमार, मनीष कुमार, गणेश गिरि कवि, कैलाश पासवान, आदि उपस्थित रहे।