बीडीओ, सीओ व जीपीएस को बनाया बंधक
मुसरीघरारी, संस. : पैक्स सदस्य बनाने में की जा रही गड़बड़ी के खिलाफ सरायरंजन प्रखंड की विभिन्न पंचायत के लोगों ने प्रखंड कार्यालय पर शनिवार को जमकर बवाल काटा। उग्र भीड़ ने प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचल अधिकारी व जीपीएस को बंधक बना लिया। घंटों ये तीनों अधिकारी सरकारी कार्यालयों में बंधक बने रहे। इस बीच घटना की सूचना पर पहुंचे सदर एसडीओ सुधीर कुमार के आश्वासन पर लोग माने और अधिकारी मुक्त हुए।
जानकारी के अनुसार प्रखंड की सात से अधिक पंचायत के लोग शनिवार को प्रखंड मुख्यालय पहुंचे। लोग इस बात से नाराज थे कि पैक्स में सदस्य बनाने की प्रक्रिया में धांधली बरती जा रही है। लोगों का कहना था कि पैक्स अध्यक्ष व बीडीओ की मिलीभगत से नए पैक्स सदस्य नहीं बनाए जा रहे हैं। वहीं पुराने सदस्यों का नाम काटकर घोर धांधली की जा रही है। पैक्स सदस्य बनाने के लिए पिछले दिनों हुए धरना प्रदर्शन व सड़क जाम को देखते हुए डीएम ने अधिक से अधिक पैक्स सदस्य बनाने का आदेश दिया था। बावजूद इसके पैक्स अध्यक्षों ने नया पैक्स सदस्य बनाने में धांधली बरती और अपने समर्थकों को ही नया सदस्य बनाया। पंचायत के आम लोगों को सदस्य बनाने से इन्कार कर दिया। वहीं पुराने सदस्यों का नाम काटकर सूची से हटा दिया गया। सैकड़ों ग्रामीण नाम जुड़वाने के लिए पंचायत, प्रखंड एवं जिला तक आवेदन लेकर घूमते रहे। उन्हें सदस्य बनाया ही नहीं गया। जबकि बिना आवेदन वाले को पैक्स अध्यक्ष ने अपने समर्थकों को आनन-फानन में सदस्य बनाकर सूची जारी कर दी गई। आंदोलन करनेवालों में सरायरंजन पश्चिमी पैक्स, नरघोघी पैक्स, अख्तियारपुर पैक्स किसानपुर युसूफ पैक्स, मुसापुर पैक्स, बखरी बुजुर्ग पैक्स एवं हरपुर बरहेत्ता के ग्रामीण शामिल थे। लोगों ने मौके पर पहुंचे एसडीओ को बताया कि पैक्स अध्यक्ष द्वारा गलत तरीकों से बनाए गए नए सदस्यों के काजगातों की जांच कर एवं पुराने सदस्यों का नाम काटने की धांधली की जांच कर कार्रवाई करते हुए सभी आपत्तिकर्ताओं को पैक्स सदस्य बनाया जाए। इस पर एसडीओ सुधीर कुमार ने सभी पंचायतों में जांचोपरांत धांधली दूर कर शीघ्र कार्रवाई करते हुए सभी लोगों को पैक्स सदस्य बनाने का आश्वासन दिया। साथ ही उन्होंने बीडीओ को आदेश दिया कि जो पैक्स अध्यक्ष अभिलेख दिखाने में आनाकानी करें या पैक्स को बंदकर कागजात न दिखाएं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। एसडीओ के आश्वासन के बाद आक्रोशित लोगों ने अधिकारियों को मुक्त किया।