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(छोटा गांव बड़ा संदेश) यहां के ग्रामीणों में है विकास की ललक

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 08:51 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 08:51 PM (IST)
(छोटा गांव बड़ा संदेश) 
यहां के ग्रामीणों में है विकास की  ललक

अमरनाथ चौधरी, विभूतिपुर : प्रखंड से 14 किलोमीटर की दूरी पर बेगूसराय की सीमा के पास अवस्थित देसरी कर्रख पंचायत। आज भी यहां के लोगों में विकास की ललक है। ग्रामीणों ने खुद के बूते आगे बढ़ने की जिस यात्रा का शुभारंभ किया तो उदास चेहरे पर खुशी की चमक बढ़ी। कई सड़कों के ईंटीकरण, पीसीसी, नाला निर्माण, पोखरों के निर्माण आधुनिक सुविधाओं एवं संसाधनों से संपन्न मनरेगा भवन, स्वयं सहायता समूह भवन तथा माता चंडिका के मंदिर के पास के चबूतरे का निर्माण कराकर पंचायत की शोभा को बढ़ाया। इसके बावजूद भी सरकारी उदासीनता के कारण समस्याओं के गहन अंधकार की तड़प से बाहर निकलने का मौसम यहां नहीं आया है। न तो बैंक है और न तो डाकघर जिससे विकास की जा सके। स्वयं सहायता समूह भवन के सभा कक्ष में ग्रामीणों की चौपाल लगी तो दुखों के कई गहरे जख्म से सभी रूबरू होते रहे।

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शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं

देसरी कर्रख की लगभग 17 हजार आबादी को आजादी के इतने वर्षो बाद भी पीने को शुद्ध पेयजल भी नसीब नहीं हो सका। ग्रामीण वीरेंद्र कुमार एवं डा. रामाशीष प्रसाद सिंह ने बताया कि कर्रख गांव के जल में बड़ी मात्रा में आयरन और आर्सेनिक है तो देसरी गांव में नाइट्रेट। इस कारण अधिकतर परिवारों में घुटनों का दर्द, पेट की बीमारी, जोड़ों के दर्द आदि देखे जाते हैं। इससे निजात पाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं हुए है।

स्वास्थ्य सुविधा शून्य

इतनी बड़ी आबादी रहते हुए भी यहां एक जर्जर भवन है। इसे स्वास्थ्य उपकेंद्र कहते हैं। यहां तो चिकित्सक के आने का सवाल ही कहां है। एएनएम भी टीकाकरण के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही पहुंचती है। ग्रामीणों ने बताया कि इतनी बड़ी आबादी तथा सीमावर्ती क्षेत्र को देखते हुए यहां अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य उपकेंद्र की स्थापना की जानी चाहिए।

बालिका शिक्षा का प्रबंध नहीं

देसरी कर्रख पंचायत में बालिका शिक्षा के लिए न तो उच्च विद्यालय है और न तो कोई प्रबंध है। कर्रख मध्य विद्यालय में सरकारी जमीन है। इसमें बालिका शिक्षा के लिए उत्क्रमित किए जाने की जरूरत है।

बिजली का समुचित प्रबंध नहीं

बिजली विभाग द्वारा कर्रख एवं देसरी में बिजली लगाने की खाना पूरी तो कर ली गई। लेकिन, बिजली का सुख सबको नसीब कहां। वार्ड 11, 10, 12 में ट्रांसफार्मर है तो पोल नहीं। 16 में तार और पोल नहीं। वार्ड 20 में आधी आबादी को नहीं मिल पाई बिजली।

किसान भगवान इंद्र के भरोसे

देसरी कर्रख पंचायत की इतनी बड़ी आबादी में 80 प्रतिशत किसान अभी भी खेती के लिए भगवान के भरोसे है। उद्वह सिंचाई योजना के तहत 25 वर्षो पूर्व नलकूप लगे। वर्षो तक खराब पड़े इस नलकूप को कोई देखने वाला नहीं है।

बैंक की सुविधा नहीं

इस पंचायत में इतनी बड़ी आबादी होते हुए भी अभी तक सरकारी बैंक नहीं खुल सके। यही नहीं डाकघर का लाभ लेने के लिए भी लोगों को दूसरे पंचायत जाना पड़ता है।

बेगूसराय आगे : समस्तीपुर पीछे

बेगूसराय और समस्तीपुर के इस सीमावर्ती पंचायत को कर्रख और रामपुर में पुल बनाकर जोड़ दिया गया। चौपाल में लोगों ने बताया कि चलकर देखिए बेगूसराय के रामपुर की संपर्क सड़क कितनी अच्छी जबकि विभूतिपुर की इस पुल की संपर्क सड़क कितनी घटिया है। इसके बड़े-बड़े गड्ढे दुर्घटनाएं को आमंत्रित देती है।

भवन्दा में मंडरातेरहता है बाढ़ का संकट

पंचायत के भवन्दा में बैंती नदी का बांध प्राय: जर्जर ही रहता है। बैंती नदी जब उमड़ने लगती है तो तटबंध के आसपास के लोगों की नींद उड़ जाती है। प्राय: बाढ़ का खतरा मंडराते रहता है। वहीं पकाही पुल में भी संपर्क सड़क जर्जर है। इससे किसानों को ट्रैक्टर भी नहीं निकल पाता है।

दिल के टुकड़े के दो भागों में बंटने का दर्द

बेगूसराय और समस्तीपुर के दो हिस्सों में बंटा बनौली गांव। विकास के लिए अपने रहनुमा की तलाश कर रहा है। बुनियादी सुविधाओं के लिए दो पाटन के बीच फंसा इस गांव को सपनों सा दिखने के लिए रहनुमा की तलाश है।

अपने-अपने हिस्से का दर्द

पंचायत में जनवितरण प्रणाली के विक्रेताओं पर कई नागरिकों ने अधिक राशि लेकर कम सामान देने का आरोप लगाया। लोगों ने बताया कि 100 ऐसे कार्डधारी हैं जो अनाज के लिए भटक रहे हैं। डीलर इन्हें टहला रहे हैं। कहा जाता है कि 25 प्रतिशत आवंटन कम मिला है सो आगे माह में ही सुधार होगा। इधर जन वितरण प्रणाली के विक्रेता चंद्रकांत ठाकुर ने बताया कि डोर स्टेप डिलेवरी शुरू नहीं हो सका है। डीलरों को कई बार प्रखंड का चक्कर लगाना पड़ता है। एमओ ने आश्वासन दिया है कि आगे से कठिनाई नहीं हो सकेगी।

संपर्क सड़क का अभाव

कर्रख हरिजन कॉलोनी की संपर्क सड़क नहीं बनी। वार्ड 10 और 12 के कुछ भाग में भी कच्ची सड़क है। बीमार पड़ने पर भी वाहन का घर तक पहुंचना संभव नहंी होता है।

खुदे के मेहनत पर यहां के लोगों को भरोसा

इस पंचायत के लोगों को मेहनत और दृढ़ संकल्प पर भरोसा है। सरकार आसरे यहां के लोग सारे कार्य नहीं छोड़ते हैं। डा. विरेंद्र कुमार ने बताया कि उत्क्रमित मध्य विद्यालय कर्रख में उनके पहल से 7 कट्ठा तीन धुर जमीन विद्यालय के लिए राशि देकर राज्यपाल के नाम निबंधन कराया जो पानी, बिजली सहित अन्य सुविधाओं को लेकर शहर जैसा प्रबंध दिखता है।

कहते हैं ग्रामीण : हो शिक्षा का विकास

समाजसेवी गणेश कुमार, वैद्यनाथ महतो, लालबाबू पंडित, लाल बिहारी पासवान, ललन ठाकुर, रामाशीष शर्मा, गणेश कुमार आदि ने कहा कि अल्पसंख्यक की बड़ी आबादी को देखते हुए उर्दू विद्यालय भी खुलना चाहिए। सैकड़ों परिवार में शौचालय अब तक नहीं बन पाया है। बनौली में आमलोगों को अब तक बिजली का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

वर्जन

फोटो :: 29 एसएएम 10

पंचायत में 30 हजार 640 फीट ईंट सोलिंग, दस पुल-पुलिया का निर्माण, 62 यूनिट पौधरोपण तीन नए पोखर का निर्माण, पांच विद्यालयों में मिट्टीकरण का कार्य 6700 फीट नाला का निर्माण, 1204 फीट पीसीसी सड़क, तीन आंगनबाड़ी केंद्र, एक सामुदायिक भवन, स्कूल में चहार दिवारी एवं पानी का प्रबंध आदि कार्य कराए हैं। प्राथमिकता की सूची में सभी विद्यालयों में शुद्ध पेयजल एवं बिजली उपलब्ध करना शामिल है। स्वयं सहायता भवन एवं मनरेगा भवन में आधुनिक सुविधा एवं संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। ख्वाब है कि यह पंचायत प्रखंड का सबसे सुंदर एवं विकसित पंचायत बने इसके लिए हम दिन रात प्रयत्‍‌नशील हैं।

- पार्वती देवी

मुखिया, देसरी कर्रख पंचायत।

फोटो :: 29 एसएएम 11

मुखिया पार्वती देवी का यह दूसरा कार्यकाल है। पंचायत में एनजीओ के द्वारा 1100 शौचालय बनाए गए हैं। मनरेगा से भी 250 शौचालय बनकर तैयार है। उन्होंने कहा कि शौचालय, विद्युत, पानी में गुणवत्तापूर्ण विकास के लिए और कार्य किए जाने की जरूरत है।

- डा. वीरेंद्र कुमार, समाजसेवी

फोटो :: 29 एसएएम 12

पंचायत की इतनी बड़ी आबादी है। लेकिन, न तो डाकघर है और न तो बैंक। पंचायत के विकास के लिए डाकघर और बैंक की जरूरत है। इस दिशा में पहल किया जाना चाहिए।

- डा. रामाशीष प्रसाद सिंह

फोटो :: 29 एसएएम 13

देसरी कर्रख पंचायत में चिकित्सा की कोई सुविधा नहीं है। महादलित टोले में बिजली भी नहीं है। समाजसेवी गणेश कुमार का कहना है कि अल्पसंख्यक की बड़ी आबादी को देखते हुए उर्दू विद्यालय भी खुलना चाहिए।

- हरेकृष्ण सहनी, पंचायत सदस्य

पंचायत एक नजर में

आबादी : लगभग 17 हजार

वार्ड : 20

राजस्व गांव : देसरी और कर्रख

अन्य गांव पकाही और बनौली (आधा भाग)

मतदाता : 8500

बीपीएल : 2081

जाब कार्ड : 1513

विद्युत उपभोक्ता : 365

आंगनबाड़ी केंद्र : 14

स्वास्थ्य उपकेंद्र : 01

प्राथमिक विद्यालयों की संख्या : 05

उत्क्रमित मध्य विद्यालय : 04

उत्क्रमित उवि : 01

काली मंदिर : 01

चंडिका मंदिर : 01

वृद्धावस्था पेंशन : 636

स्वयं सहायता भवन : 01

मनरेगा भवन : 01

सामुदायिक भवन : 05

चौपाल : 01

पैक्स गोदाम : 01

राशन कार्ड : 2628

साक्षरता : 60 प्रतिशत

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