दूसरे दिन भी सुलगती रही आग
कल्याणपुर, संस : प्रखंड क्षेत्र के मुक्तापुर स्थित रामेश्वर जूट मिल में शनिवार की रात लगी आग रविवार दूसरे दिन भी सुलगती रही। मिल प्रबंधन फायर बिग्रेड की मदद से लगातार आग पर काबू पाने में लगा है। मौके पर पहुंचे प्रमंडलीय अग्निशामक पदाधिकारी भिखारी राय अपनी देखरेख में आग को पूरे तौर पर शांत करा रहे हैं।
उधर, मिल के उपाध्यक्ष बीएन झा ने आग लगने का कारण के लिए श्रमिक संघ के नेता अमरनाथ सिंह, नौशाद आलम, मो. शमीम, एवं श्याम चंद्र सहनी के साथ अपने प्रकोष्ठ में बैठक कर एक जांच कमेटी का गठन करने की बात कही है। ताकि आग लगने के कारणों का खुलासा हो सके। उन्होंने बताया कि शनिवार की रात 9.50 पीएम में 87 नंबर मशीन से बिजली के शार्ट सर्किट से आग की लौ निकली जो तांत, सिलाई, फिनिसिंग मशीन को जलाते हुए सैकड़ों बोरा के गांठ, धागा, कपड़ा को जलाते हुए लूम, कटिंग मशीन मकान को ध्वस्त करते हुए लोहा बैंड को गला कर धराशायी कर दिया। आग के समय मजदूर मिल में कार्यरत थे। लेकिन, सबकी जान बच गई है। रात्रि में 11 फायर बिग्रेड लगे रहे। उक्त हादसे में करोड़ से उपर की क्षति का अनुमान लगाया जा रहा है। वैसे जब तक आग पर काबू पूर्ण रूपेण पाने के बाद सफाई कराकर स्पष्ट क्षति बताई जाएगी। जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय प्रशासन सूचना पर पहुंच कर सक्रिय सहयोग किए हैं। वहीं दूसरी ओर आग की सूचना पर पहुंचे पंचायत जनप्रतिनिधि सूरज कुमार ने 2700 फीट पाइप व दो पंप सेट के साथ 500-600 युवाओं के सहयोग से रात भर आग पर काबू पाने में लगे रहे। मिल मालिक पीसी चौरसिया को सूचना दी गई है। मिल पार्टनर पुरुषोत्तम कुमार भिवानीवाला ने मुक्तापुर पहुंचकर जायजा लेते हुए मिल प्रबंधन के उपाध्यक्ष आरके सिंह, एसके जैन, सुधि रंजन आदि को कई आवश्यक निर्देश दिए।
रातभर परेशान रहे अधिकारी
कल्याणपुर : आग लगने की सूचना जैसे ही शहर जैसे ही पहुंची। प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आ गए। सभी लोग दौड़े-डौड़े पहुंचे और आग बुझाने के साथ-साथ लोगों के समझाने में लगे। देर रात तक एडीएम आपदा गौतम पासवान, एसडीओ सुधीर कुमार, पुलिस उपाधीक्षक राजेश कुमार, नगर पुलिस निरीक्षक सह थानाध्यक्ष असरार अहमद समेत भारी संख्या में अधिकारी आग के नियंत्रण में आने तक वहां कैंप करते रहे। अधिकारियों की टीम ने जिले के विभिन्न हिस्सों में तैनात फायर ब्रिगेड की टीम को मौक पर बुलाया और पूरी स्थिति पर काबू पाया गया।
कुछ ऐसे गुजरी मिल परिसर में लोगों की रात
- आग लगते ही मजदूर काफी उत्तेजित हो गए मिल प्रबंधन पर गरजने लगे।
- प्रशासन के काफी समझाने के शांत हुआ मामला।
- 22 मार्च 2012 की रात में भी मिल में लगी थी आग। एक सप्ताह तक बनी रही खतरनाक स्थिति।
- 1990, 2003, 2010 में भी मिल में आग लगी थी।
- पटसन कार्य में आग पर काबू पाने की व्यवस्था मिल नहीं।
- 4200 मजदूरों की रोजी रोटी पर ग्रहण लग गया है जो एक बड़ी समस्या बन गया है।