..तो संस्कार के सपनों को नहीं लगेंगे पंख
मोहिउद्दीननगर, संस : बेहतर स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने की चाहत तो हर मां बाप को होती है। इसको लेकर कई प्रयत्न भी करते है पर सबकी चाहत पूरी नहीं हो पाई है। गरीबी की मार कहीं न कहीं इनके रास्ते का रोड़ा बनकर आ जाता है। अपनी बदौलत संस्कार ने रामकृष्ण मिशन व सैनिक स्कूल नालंदा की जांच परीक्षा में उत्तीर्ण हो गया। फिर गरीबी के कारण अब इसके नामांकन पर संकट के बादल छा गए है। मददगार की आस में इसका ये सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। कल्याणपुर बस्ती गांव के नंद कुमार का पुत्र संस्कार पात्रता परीक्षा की दहलीज को पार कर तारणहार के इंतजार में बैठा हुआ है। पिता की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर है कि ये अपने लाडले को अब आगे की शिक्षा नहीं दे सकते है। संस्कार ने बताया कि अगर राशि की व्यवस्था हो जाये तो उसका भविष्य बन सकता है। पर्ल प्रेप स्कूल मुजफ्फरपुर के शिक्षकों के संरक्षण में वो इस मुकाम पर पहुंचा पर अब आगे बढ़ने के हर रास्ते रुक से गए हैं।