दो दिनों में रेल परिचालन शुरू होने की है उम्मीद: डीआरएम
सहरसा। पूर्व मध्य रेल के सहरसा-मानसी रेल खंड के बीच फनगो रेलवे हॉल्ट के समीप हो रहे को
सहरसा। पूर्व मध्य रेल के सहरसा-मानसी रेल खंड के बीच फनगो रेलवे हॉल्ट के समीप हो रहे कोसी नदी के तेज कटाव के कारण रेल परिचालन ठप दूसरे दिन भी ठप रहा। सहरसा-मानसी रेल खंड के बीच चलने वाली सारी ट्रेनें रद्द रही। सिर्फ हाटे बजारे एक्सप्रेस सहरसा से पूर्णिया होते हुए कटिहार सियालदह के लिए निर्धारित समय पर सहरसा से रवाना हुई। इधर सोमवार को फनगो कटाव स्थल पर कैंप कर रहे मंडल रेल प्रबंधक सुधांशु शर्मा ने बताया कि सुरक्षात्मक कार्य युद्ध स्तर पर कराया जा रहा है। मजदूरों की टोली क्रेट व बोल्डर गिराने में लगे हुए हैं। 29 बोगी बोल्डर गिराया गया है और बोल्डर मंगाया जा रहा है। इसके अलावे कटाव निरोधी कार्य चल रहा है। कोसी नदी का जल स्तर बढने से इधर रेल पटरी पर कोसी नदी का दबाब बढ सकता है। हालांकि रेल प्रशासन सुरक्षा की पूरी तैयारी कर रही है। उम्मीद है कि अगले दो दिनों में इस रेल खंड पर रेल परिचालन बहाल हो सकता है। रेल ने 72 घंटे का समय लिया था। हमें भरोसा है कि इस समय सीमा के अंदर सहरसा-मानसी रेलखंड के बीच रेल परिचालन बहाल हो जाएगा। फनगो कटाव स्थल पर सुरक्षात्मक कार्य को लेकर वहां मेला जैसा ²श्य दिखने लगा है। रेल प्रशासन के अधिकारी पूरी तरह मुस्तैद हैं। वहीं अभियंताओं का दल कटाव को रेाकने के लिए हर संभव कोशिश करने में जुटे हुए है।
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सुनसान दिखने लगा है सहरसा रेलवे स्टेशन
सहरसा-मानसी रेलखंड के बीच रेल परिचालन ठप रहने के कारण सहरसा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की भीड काफी कम हो गयी है। सोमवार को सुबह में भीड दिखनेवाला सहरसा रेलवे स्टेशन सुनसान था। इक्का-दुक्का यात्री मधेपुरा रेल खंड में चलनेवाली ट्रेन के इंतजार में थे। स्थानीय अधिकारी सहित कर्मियों को इस बात का मलाल था कि सहरसा स्टेशन सूना दिखने लगा है। वहीं वेंडरों ने भी ¨चता जताते हुए कहा कि ब्रिकी कम हो गयी है। यात्री ही नहीं रहते तो ब्रिकी क्या होगा। एक तो रेल का राजस्व का नुकसान हो रहा है। वहीं स्टेशन का व्यवसाय भी प्रभावित हो गया है।
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लौटाया गया सात लाख रूपये का टिकट
सहरसा से लंबी दूरी सहित पटना जानेवाली ट्रेनों में यात्रियों द्वारा कटाये गये टिकट व आरक्षित टिकट को लौटाने का दौर जारी ही है। सहरसा स्टेशन पर अब तक सात लाख रूपये का टिकट लौटाया जा चुका है। हालांकि सोमवार को गरीब रथ का रिजर्वेशन टिकट लौटाने के लिए यात्रियों की भीड लगी रही। लेकिन काउंटर पर तकनीकी समस्या बताकर टिकट का रिफंड तीन महीने के अंदर करने की बात बतायी गयी। जिस कारण यात्रियों से कई बार रेलकर्मियों की बहस भी हुई।