..रात में ही पति से हुई थी बात
सहरसा। शहीद सैनिक संजीव कुमार यादव ने ड्यूटी पर जाने से पहले 12 जनवरी की रात अपनी पत्नी
सहरसा। शहीद सैनिक संजीव कुमार यादव ने ड्यूटी पर जाने से पहले 12 जनवरी की रात अपनी पत्नी व परिजनों से बात की थी। उसने बताया था कि वो बॉर्डर पर ड्यूटी के लिए जा रहा है। इस दौरान वह भावुक भी हो गये थे। परिजनों ने बताया कि फोन पर उसने रो दिया था। यह भी कहा था कि ड्यूटी से लौटने के बाद सुबह बात करूंगा। कुछ देर तक हुई बातचीत में संजीव ने पत्नी के अलावा पिता, भाई, बहन से भी बातचीत की थी। परिजनों ने बताया कि कहां पता था कि यह बात अंतिम होगी। सुबह उनकी मौत की खबर आने पर सभी सन्न रह गये।
----बेटा के जन्म पर गांव आया था संजीव----लगभग चार माह पूर्व पुत्र रत्न की प्राप्ति होने पर संजीव गांव आया था। कुछ दिन रहकर जब गांव से जा रहा था तो जल्दी आने और एक बहन की शादी कराने की बात कहा था। परंतु उनका यह अरमान पूरा नहीं हो पाया। परिजन ने बताया कि वह जब भी गांव आता था पूरे गांव के लोगों से मिलता था और बॉर्डर पर तनाव की चर्चा करता था। यही नहीं युवाओं को पढ़ने-लिखने के लिए प्रेरित कर देश की सेवा करने का जज्बा पैदा करता था। गांव के युवा राजीव, धीरेन्द्र आदि ने बताया कि वो हमलोगों के लिए प्रेरणा थे। उनकी मौत से काफी क्षति पहुंची है।