पशुपालन से होगी ग्र्रामीणों की उन्नति
सहरसा। पशुपालन ग्रामीणों के लिए आमदनी का जरिया बन सकता है। परंतु सही जानकारी व संसाधन के
सहरसा। पशुपालन ग्रामीणों के लिए आमदनी का जरिया बन सकता है। परंतु सही जानकारी व संसाधन के अभाव में लोग पशुपालन से दूर होते जा रहे हैं।
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बरियाही में खुला दूध कलेक्शन सेंटर
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बरियाही में अब किसानों को दूध जमा सेंटर काम कर रहा है। जिससे दुधारू मवेशी पालने वाला किसान को काफी राहत मिला है। पहले अधिक मात्र में दूध उत्पादन होता था, लेकिन किसानों को दूध का उचित मूल्य नहीं मिल पाता था। अब इस व्यवसाय से जुड़े लोग गांव-गांव से दूध जमा कर सेंटर पर पंहुचा देते हैं एवं मवेशी पालक को समय पर रूपए भी मिल जाता है।
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देखभाल पर जोर देना जरूरी
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पशु चिकित्सक बताते हैं कि गायों व भैंसों से उचित मात्र में दुग्ध का उत्पादन करने के लिए उनके स्वास्थ्य संबंधी हर छोटी-बड़ी बात का ख्याल रखना जरूरी होता है। पशु जितने स्वस्थ होते हैं, उनसे उतने ही दूध की प्राप्ति होती है और कारोबार अच्छा चलता है। जानवरों को रखने के लिए एक खास जगह तैयार करनी होती है। जहां हवा के साथ-साथ ठंड से भी बचाव हो। पशुओं के आहार की इसके लिए गायों या भैंसों को निर्धारित समय पर भोजन देना जरूरी होता है। इन्हें रोजाना दो वक्त खली में चारा मिला कर दिया जाता है। दूध की मात्र बढ़ाने के लिए भोजन में बिनौले का इस्तेमाल करना अच्छा रहता है। डेयरी मालिक के लिए इस बात का ख्याल रखना भी जरूरी होता है कि पशुओं को दिया जानेवाला आहार बारीक साफ-सुथरा हो ताकि जानवर भरपूर मात्र में भोजन करें। वहीं चारे के साथ पानी की मात्र पर ध्यान देना भी जरूरी है।
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ले सकते हैं सरकारी मदद
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आज कई सरकारी व गैर.सरकारी संस्थाएं डेयरी उद्योग के लिए 10 लाख रुपये तक की लोन सुविधा उपलब्ध कराती है। इसके लिए राज्य सरकार लोन के साथ अनुदान भी देती है। इसके अलावा शेड के लिए भी अलग से रूपए का व्यवस्था करती है।