स्कूलों में लटकेंगे ताले, बंद हो जाएगा ककहरा
सहरसा। मानसून शुरू हो गया है। सहरसा जिले के कोसी तटबंध के अंदर स्कूलों में पठन-पाठन अब
सहरसा। मानसून शुरू हो गया है। सहरसा जिले के कोसी तटबंध के अंदर स्कूलों में पठन-पाठन अब पूरी तरह बाधित होने की संभावना है। स्कूलों में ताला लटक जाने से बंद हो जाएगा ककहरा। मानसून प्रवेश करते ही कोसी तटबंध के अंदर बाढ़ प्रभावित इलाकों में स्थित स्कूलों में में पढ़नेवाले करीब 50 हजार से अधिक बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। जिले के दसों प्रखंडों में से चार प्रखंड सलखुआ, सिमरीबख्तियारपुर, महिषी एवं नवहट्टा बाढ़ प्रभावित इलाका है। जिले में प्राइमरी व मिडिल स्कूलों की संख्या 1274 है। लेकिन कोसी तटबंध के अंदर चार प्रखंडों के 212 प्रारंभिक विद्यालय है। जिसमें पठन-पाठन बंद होने की संभावना है। हैरत है कि इन विद्यालयों में भी अभी गर्मी की छुट्टी दे दी गयी है। 29 जून से स्कूल पूरी तरह खुल जाएगा। तब तक मानसून के कारण पानी का प्रवेश कर जाएगा। एक तो बाढ़ की समस्या और उपर से बारिश के कारण जल जमाव के कारण इन स्कूलों में ताला लटकना लाजिमी है। अगर समय रहते विभाग स्कूलों के पठन-पाठन की व्यवस्था उंची जगह वाले मकानों में कर लें तो बच्चों की शिक्षा नियमित रहेगी। अन्यथा 212 स्कूलों में नामांकित करीब 55 हजार से अधिक बच्चों की पढ़ाई ठप हो जाएगी। इसके अलावा इन चार प्रखंडों में दस हाई स्कूल है। जो बाढ़ प्रभावित इलाका में है।
तटबंध के अंदर हैं 212 प्राथमिक व मध्य विद्यालय
सलखुआ-40
महिषी-91
नवहट्टा- 57
सिमरीबख्तियारपुर- 24
कोसी तटबंध के अंदर हैं 10 हाई स्कूल
सलखुआ- 3
सिमरीबख्तियारपुर- 2
नवहटटा- 2
महिषी- 3
कोट
तटबंध के अंदर स्कूल संचालन में परेशानी होती है। मानसून में कोसी तटबंध के अंदर स्कूलों में पठन-पाठन की समस्या उत्पन्न होती है। गर्मी की छुट्टी दे दी गयी है। जबकि बाढ प्रभावित इलाका वाले प्रखंडों में गर्मी की जगह मानसून में ही छुट्टी दी जाती थी। लेकिन यह नहीं हुआ। फिलहाल स्कूल तो खुला है लेकिन अभी कार्यालय का काम चल रहा है। 29 जून से स्कूल का पठन-पाठन शुरू होगा।
-दिनेश चन्द्र देव, जिला शिक्षा पदाधिकारी