बिकती रही शराब, चलता रहा अभियान
सहरसा। राज्य में शराबबंदी के बाद यहां शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान चलता रहा। लोगों की गिरफ्तारियां
सहरसा। राज्य में शराबबंदी के बाद यहां शराब माफियाओं के खिलाफ अभियान चलता रहा। लोगों की गिरफ्तारियां होती रही, शराब भट्ठियां टूटती रही, लेकिन अवैध शराब का कारोबार चलता रहा। पूर्ण शराबबंदी को लेकर एक साल के दौरान विभाग ने ढाई हजार स्थानों पर छापेमारी की। जबकि 316 लोग गिरफ्तार किए गये। एक हजार लीटर देशी, 872 लीटर विदेशी शराब पकड़ी गयी। लेकिन अवैध शराब का कारोबार आज भी चोरी-छिपे जारी है।
पूर्ण शराबबंदी के बाद नशे का विकल्प भी लोगों ने चुन लिया है। जिले में गांजा की बिक्री बढ़ गयी है। वहीं इसके कारोबार में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। नेपाल नजदीक होने के कारण तस्करों की चांदी कट रही है। तटबंध के रास्ते गांजा की तस्करी हाल के दिनों में काफी बढ़ गयी है। वहीं भांग का सेवन भी बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा किया जा रहा है। अब गांव में भांग के पौधे नहीं के बराबर दिख रहे हैं। दूसरी ओर स्कूल व कॉलेज के छात्रों द्वारा कफ सीरफ सेवन का प्रचलन बढ़ा है। आजकल कफ सीरफ की बिक्री जोरों पर है। हालांकि पुलिस द्वारा एक मौके पर कफ सीरफ की बड़ी खेप बरामद भी की गयी। लेकिन चंद दिनों में भी इसके कारोबारी काल कोठरी से बाहर निकलने में कामयाब रहे। फिलहाल शहर के आधा दर्जन मेडिकल एजेंसी व दवा दुकानदारों द्वारा नशे का यह खेल खुलकर खेला जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग इन खिलाड़ियों से बखूबी परिचित है लेकिन कार्रवाई जीरो है।
छापेमारी 2489, गिरफ्तारी 316, अवैध चुलाई शराब 537.300 लीटर , अवैध देशी शराब 1006.200 लीटर , अवैध मसालेदार देशी शराब 6 लीटर , अवैध जावा महुआ 3010.000 किलोग्राम, अवैध महुआ फुल 15.000 किलोग्राम, अवैध विदेशी शराब 872.500 लीटर, अवैध बीयर 19.080 लीटर, ताड़ी 388.500 लीटर, भांग 425.250 किलोग्राम, गांजा 4.725 किलोग्राम बरामद किया गया।