हत्या के मामले में चार को उम्रकैद
सहरसा। करीब पांच वर्ष पूर्व बिहरा थाना क्षेत्र के पंचगछिया गांव में नरैय टोला में एक व्यक्ति की हुई
सहरसा। करीब पांच वर्ष पूर्व बिहरा थाना क्षेत्र के पंचगछिया गांव में नरैय टोला में एक व्यक्ति की हुई हत्या के एक मामले में गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूद्रप्रकाश मिश्रा ने चार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनायी। जिला जज ने आरोपियों को 20-20 हजार रुपया जुर्माना अदा करने एवं नहीं देने पर एक वर्ष साधारण कारावास की सजा भुगतने का आदेश दिया। जुर्माने की रकम मृतक की पत्नी को देने का फैसला सुनाया। सजा पाने वालों में उपरोक्त गांव एवं टोले के संतोष शर्मा, चंडी शर्मा, विन्देश्वरी शर्मा एवं विसनपुर गांव के रमेश शर्मा शामिल है। हालांकि मामले में तेरह में से दस गवाहों ने घटना का समर्थन नहीं किया था। लेकिन जिला न्यायाधीश ने मृतक की पत्नी, बहू, अनुसंधानकर्ता एवं चिकित्सक के बयान एवं अन्य दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों को किसी प्रकार की रियायत नहीं दी। जबकि अपर लोक अभियोजक रामोतार यादव ने तेरह गवाहों के बयान एवं अन्य दस्तावेजी साक्ष्यों के आधार पर सरकार की ओर से बहस में हिस्सा लेते हुए आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की प्रार्थना जिला न्यायाधीश से की थी।
इस घटना की प्राथमिकी मृतक हेमलाल शर्मा की पत्नी हेमियां देवी ने बिहरा थाना में दर्ज करायी थी। दर्ज प्राथमिकी में कहा गया था कि 21 दिसम्बर 2009 को 11 बजे दिन में उसका पति घर में खाना खाकर खेत घूमने गया। कुछ देर बाद गांव में हल्ला हुआ कि उसका पति मर गया है। वह दौड़कर अपने पति को देखने गयी तो उसे भवी शर्मा के दरवाजे पर मृत अवस्था में देखी। लोगों ने उसके मृत पति को दरवाजे पर लाया। उसने आरोप लगाया था कि उसके ही टोले के उपरोक्त आरोपी संतोष शर्मा, विन्देश्वरी शर्मा, चंडी शर्मा एवं रमेश शर्मा ने उसके पति की हत्या कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चिकित्सक ने मृतक के शरीर के अंदरूनी भाग से अतिरिक्त रक्तश्राव को मृत्यु का कारण बताया था। मामले में विचारण के दौरान यह तथ्य उभड़कर आया था कि गांव के एक व्यक्ति ने मृतक के हाथ अपने को जमीन बेचने की बातचीत की थी। मृतक द्वारा उस जमीन पर कुछ पेड़ लगाया गया था। बाद में उस व्यक्ति ने जमीन आरोपियों के हाथ बेच दी थी। संभवत: इसी जमीन का विवाद मृतक की हत्या का कारण बना था।