पंचायती राज को कमजोर कर रही मोदी सरकार: रंजीत
सहरसा। दो दिन बाद होनेवाला विधान परिषद चुनाव दो परस्पर विरोधी विचार धाराओं के बीच संपन्न होगा। पंचा
सहरसा। दो दिन बाद होनेवाला विधान परिषद चुनाव दो परस्पर विरोधी विचार धाराओं के बीच संपन्न होगा। पंचायत प्रतिनिधियों को यह तय करने की जरूरत है कि उन्हें सूटबूट वाली सरकार चाहिए या पंचायती राज व्यवस्था की मजबूती। इसलिए कांग्रेस प्रत्याशी इसराइल राइन की जीत जरूरी है।
उक्त बातें कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता रंजीत मिश्रा ने रविवार को कांग्रेस भवन में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की सोच और उनके अथक प्रयास से पंचायती राज संस्था की नींव रखी गई। जिसका मकसद गांधी जी के ग्राम स्वराज की कल्पना को साकार करना था। राहुल गांधी त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के लगभग छह लाख जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से सत्ता का विकेन्द्रीकरण कर चलाना चाहते हैं। जबकि मोदी इन संस्थाओं को कमजोर करने पर तुली है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वर्तमान केन्द्र सरकार सामाजिक क्षेत्र में राशि की लगातार कटौती कर रही है। भूमि अधिग्रहण कानून लाकर पंचायतों के अधिकार को स्थापित करने का प्रयास किया गया, जिसे मोदी सरकार ने पूरी तरह पलट दिया। और किसान का अधिकार छीनने पर आमदा है। श्री मिश्रा ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधियों को यह तय करना होगा कि उन्हें सत्ता का विकेन्द्रीकरण चाहिए या केन्द्रीकरण, लोकशाही चाहिए या तानाशाही, काम करनेवाली सरकार चाहिए या जुमलेबाजी वाली सरकार। अगर उन्हें काम करनेवाली, सत्ता के विकेन्द्रीकरण करनेवाली सरकार चाहिए तो महागठबंधन के प्रत्याशी इसराईन राईन को विजयी बनाएं।
मौके पर प्रदेश महासचिव केशर सिंह, प्रदेश सचिव मनीष कुमार, जिलाध्यक्ष विद्यानंद मिश्र, उपाध्यक्ष महेन्द्र त्यागी, मो. नईमउद्दीन, शोभाकांत झा, सुदीप कुमार सुमन, संजय कुमार झा, रामशरण कुमार आदि मौजूद थे।