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घोषणा तक सीएम प्रत्याशी मानने में हर्ज क्या : उपेंद्र

केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सह रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राजग जब तक बिहार में मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी की घोषणा नहीं करता है तब तक अगर पार्टी कार्यकर्ता उन्हें प्रत्याशी मानते हैं तो इसमें हर्ज क्या है।

By pradeep Kumar TiwariEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2015 10:25 AM (IST)Updated: Tue, 24 Mar 2015 10:26 AM (IST)
घोषणा तक सीएम प्रत्याशी मानने में हर्ज क्या : उपेंद्र

सहरसा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री सह रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राजग जब तक बिहार में मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी की घोषणा नहीं करता है तब तक अगर पार्टी कार्यकर्ता उन्हें प्रत्याशी मानते हैं तो इसमें हर्ज क्या है। जिनके नाम की घोषणा होगी उनके साथ पूरा राजग खड़ा होगा। केंद्रीय मंत्री सोमवार को परिसदन में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण बिल वक्त की जरूरत थी। इस बिल से आधारभूत संरचना का विकास होगा। इससे किसानों व बेरोजगारों को रोजगार का साधन मुहैया हो सकेगा। उन्होंने कहा कि बिल पास होने के बाद अगर भूमि का अधिग्रहण होता है तो किसानों को काफी फायदा होगा। शहरी क्षेत्र में दोगुने व ग्रामीण इलाकों में चार गुणा राशि मुआवजा के तौर पर दी जाएगी। इसके अलावा अधिग्रहण के बाद पुनर्वास एवं नौकरी की भी व्यवस्था की जाएगी।

वहीं बिहार की राजनीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दे रही है परंतु यहां इसका लाभ उन्हें नहीं मिल रहा है। बिचौलिया व अधिकारी मालामाल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुसहा त्रासदी के बाद जिन खेतों में बालू भर गए थे उन्हें खेती योग्य बनाने का वादा राज्य सरकार ने किया था लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। सिंचाई की सुविधा पहले के मुकाबले कम हो गई है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के दस साल के शासन में किसानों की कमर टूट गई है। खाद व बीज किसानों को उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। और जो किसान उपज कर रहे हैं उसे उचित बाजार नहीं मिल रहा है। सूबे में कृषि की बदतर हालत के कारण बेरोजगारों का पलायन बढ़ा है। इन्हीं मुद्दों को लेकर उनकी पार्टी पांच अप्रैल को पटना में किसान-नौजवान महारैली का आयोजन कर रही है।

बिहार में शिक्षा की हालत पर चर्चा करते हुए कुशवाहा ने कहा कि जिस कदर मैट्रिक परीक्षा में चोरी का मामला उठने के बाद शिक्षा मंत्री का बयान आया वह निंदनीय है। मुख्यमंत्री को ऐसे शिक्षा मंत्री को तत्काल पद से हटाकर सक्षम व्यक्ति को शिक्षा मंत्री बनाना चाहिए।


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