खुलने लगी करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले की पोल
सहरसा, जागरण संवाददाता : छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों के खेल की अब परत दर परत खुलने लगी है। मीडिया क
सहरसा, जागरण संवाददाता : छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों के खेल की अब परत दर परत खुलने लगी है। मीडिया के इसके प्रकाशन बाद विभाग में खलबली मची है। इधर नप उपसभापति रंजना सिंह ने इस मामले में जनहित याचिका दायर करने की तैयारी शुरू कर दी है।
कागज में खिचड़ी पकाने वाले विभाग में छात्रवृत्ति के नाम पर करोड़ों का वारा-न्यारा हो गया। जिले में वर्ष 2013-14 में स्कूली छात्रों के लिए 20 करोड़ 16 लाख 72 हजार 925 रुपये कल्याण विभाग द्वारा दिये गये। यह राशि इस वर्ष अगस्त से सितंबर तक स्कूलों को दिये गये। इस राशि का स्कूलों द्वारा वितरण शुरू भी नहीं हुआ कि दिसंबर-जनवरी माह में वर्ष 2014-15 के छात्रवृत्ति की राशि स्कूलों को भेज दी गयी। विद्यालय प्रधानों द्वारा वर्ष 2014-15 की राशि छात्रों के बीच बांट दी गयी। जबकि पुरानी राशि की भी निकासी कर ली गयी। हद तो यह है कि अधिकांश प्रधानों ने वर्ष 2013-14 की राशि का भी उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कर दिया। छात्रवृत्ति के इस खेल में अधिकांश बीईओ भी शामिल हैं।
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तीन प्रकार की राशि का होना था वितरण: जिले के स्कूलों में तीन प्रकार की राशि का वितरण किया जाना था। इसमें वर्ष 2013-14 की छात्रवृति के 1800, वर्ष 2014-15 के छात्रवृत्ति के 1800 तथा पोशाक मद के रूपए बच्चों के बीच बांटने थे। लेकिन जिले में वर्ष 2014-15 के रुपये कुछ जगह बच्चों के बीच बांटे गये लेकिन वर्ष 2013-14 की राशि नहीं बांटी गयी।
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हाईकोर्ट में दर्ज होगी याचिका
फोटो : 30एसएआर-11
कैप्शन :
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इस मामले में नगर परिषद की उप सभापति रंजना सिंह ने कहा कि एक सुनियोजित साजिश के तहत छात्रवृत्ति की राशि के गबन की कोशिश जारी है। वहीं कई स्कूलों में यह राशि निकासी कर ली गयी है। बताया कि प्राथमिक विद्यालय रेलवे कालोनी की वो अध्यक्ष हैं। इस विद्यालय में आज उन्हें वर्ष 2013-14 के छात्रवृत्ति आने की सूचना दी गयी। जबकि यह राशि जुलाई माह में ही आ गयी थी। अखबार में प्रकाशित होने के बाद अब शहर के विभिन्न विद्यालय के प्रधान राशि वितरण की बात कह रहे हैं। इस मामले में उनके द्वारा एक पखवारे के अंदर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी।
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ग्राफिक्स के लिए
वर्ष 2013-14 में दी गयी राशि
1. कहरा - 2 करोड़ 49 लाख 79 हजार 800 रुपये
2. सत्तर कटैया - 1 करोड़ 24 लाख 86 हजार 400 रुपये
3. सिमरी बख्तियारपुर - 2 करोड़ 16 लाख 62 हजार 400 रुपये
4. सलखुआ - 1 करोड़ 50 लाख 19 हजार 800 रुपये
5. महिषी - 2 करोड़ 86 लाख 46 हजार 309 रुपये
6. सोनवर्षा - 1 करोड़ 39 लाख 96 हजार 800 रुपये
7. पतरघट - 86 लाख 74 हजार 500 रुपये
8. बनमा ईटहरी - 2 करोड़ 01 लाख 50 हजार 400 रुपये
9. नवहट्टा - 1 करोड़ 07 हजार 26 हजार 816 रुपये
10. सौर बाजार - 1 करोड़ 50 लाख 44 हजार 700 रुपये
11. हाईस्कूल 20 - 1 करोड़ 1 लाख 79 हजार रुपये
12. हाईस्कूल 35 - 1 करोड़ 12 लाख 53 हजार 600 रुपये
13. हाईस्कूल 25 - 84 लाख 85 हजार 200 रुपये
14. हाईस्कूल 2 - 3 लाख 67 हजार 200 रुपये