मौत के बाद बिकने लगी साहनी की संपत्ति
सहरसा, जागरण संवाददाता : सिख महिला साहनी देवी की हत्या के बाद उसकी संपत्ति धीरे-धीरे बिकने लगी है। अ
सहरसा, जागरण संवाददाता : सिख महिला साहनी देवी की हत्या के बाद उसकी संपत्ति धीरे-धीरे बिकने लगी है। अधिकांश संपत्ति खरीदने के बाद खरीदार कब्जा भी जमा चुके हैं। यही नहीं साहनी जिस घर में रहती है वह भी बिक चुका है।
करोड़पति सिख महिला साहनी देवी की हत्या मामले में भले ही पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। लेकिन उसकी संपत्ति भी अब सुरक्षित नहीं है। सूत्रों की मानें तो बाजार भाव से भी कम मूल्य में उनकी संपत्ति बिक गयी। हालांकि खरीदार कुछ भी कहने से इंकार करते हैं। आलम यह है कि साहनी देवी के पुश्तैनी घर में कई दुकान भी खुलने लगे हैं।
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पूर्व में भी बना था फर्जी पावर ऑफ अटर्नी
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साहनी देवी जब जीवित थी उस समय में भी फर्जी तरीके से पावर ऑफ अटर्नी बनाने की बात सामने आयी थी। साहनी देवी के घर में रहने वाले प्रशांत चटर्जी नामक व्यक्ति ने फर्जी तरीके से संपत्ति का कागजात बना लिया था। और संपत्ति बेचने की जुगत भिड़ा रहा था। इसकी भनक जब साहनी देवी को लगी थी तो उसका विरोध की थी। साहनी देवी ने कहा था कि पावर ऑफ अटर्नी पर उसका हस्ताक्षर फर्जी है। जिसके बाद कागजात को निरस्त किया गया था। लेकिन अब प्रशांत चटर्जी कहां है इसकी इसकी जानकारी न तो पुलिस को है और न ही किसी और को। वैसे, प्रशांत चटर्जी के कोलकाता मौत हो जाने की बात सामने आ रही है। तात्कालीन एसपी एके सत्यार्थी ने प्रशांत चटर्जी के संबंध में भी पूरी तरह सत्यापन कराने का निर्देश दिया था। लेकिन इस मामले में भी ठोस कार्रवाई नहीं हो पायी।
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बबलू खां की क्यों नहीं हुई पोलोग्राफी
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तात्कालीन एसपी एके सत्यार्थी ने इस हत्याकांड में संदिग्ध बबलू खां की पोलोग्राफी टेस्ट कराने का निर्देश अनुसंधानकर्ता को दिया था। परंतु अबतक नहीं हो पाया है। इसके अलावा कई मोबाइल नंबर के सत्यापन का भी निर्देश दिया गया था। बावजूद पुलिस दो वर्ष तीन माह बीत जाने के बाद भी सुस्ती बरत रही है। अब सवाल उठता है कि जब एसपी ने अपने पर्यवेक्षण टिप्पणी में पोलोग्राफी टेस्ट का निर्देश दिया था तो क्यों नहीं हुई? हत्या के बाद जब कमरे को पुलिस ने सील किया तो पुलिस को कमरा खुलने के बाद क्या हाथ लगा था? तमाम सवाल अब खड़े हो गये हैं।