महिला मंडली द्वारा कीर्तन-भजन का आयोजन
सहरसा, जासं: मिथिला की विलुप्त होती परंपरा को जीवित करने का यह प्रयास अनूठा व सराहनीय है। मिथिला के
सहरसा, जासं: मिथिला की विलुप्त होती परंपरा को जीवित करने का यह प्रयास अनूठा व सराहनीय है। मिथिला के हर कंठ से गीत की गूंज सदैव होते निकलते रहे हैं। इतिहास में प्रमाण है कि यहां तोते भी संस्कृत में वार्तालाप करते थे। लेकिन साईबर युग ने लोगों की जुबान ही बंद कर दी। स्व गीत गायन के बदले इलेक्ट्रानिक वस्तुओं के नूतन अविष्कार से आम आदमी भी चीप या पेन ड्राइव से गीत सुन रहा है। जिसके कारण आने वाली पीढ़ी गीत-गायन की परंपरा से विमुख होती जा रही है। ऐसे समय में नया बाजार स्थित पी डब्लू डी कैम्पस में स्थापित बाबा नर्मेदेश्वर नाथ महादेव परिसर में प्रत्येक सोमवार को महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से धार्मिक गीत तथा भजन का गायन किया जाता है। अंत में महिलाओं द्वारा आरती भी की जाती है। इस मंडली में प्रभावती देवी, कलावती देवी, सूर्यमुखी देवी, दाईजी, अंजू खुशी, रूचि, मीरा, आकांक्षा, किरण देवी, सोनी कुमारी द्वारा प्रत्येक सोमवार को सायं में आयोजन होता है।