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तीन घरों के एकलौते चिराग बुझे

कुंदन, सहरसा : जिस मोहल्ले में छठ के उल्लास से हर चेहरा चमक रहा था, उसी मोहल्ले में मंगलवार को खर

By Edited By: Published: Tue, 28 Oct 2014 11:11 PM (IST)Updated: Tue, 28 Oct 2014 11:11 PM (IST)
तीन घरों के एकलौते चिराग बुझे

कुंदन, सहरसा : जिस मोहल्ले में छठ के उल्लास से हर चेहरा चमक रहा था, उसी मोहल्ले में मंगलवार को खरना आंसुओं का सैलाब लेकर आया। छठ की तैयारी में जुटे बटराहा मोहल्ले से जब चार घरों के चिरागों की अर्थियां निकलीं तो कलेजे कांप उठे। इस दिल दहला देने वाली दुर्घटना से पूरा मोहल्ला स्तब्ध और गमगीन था।

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हादसे में बटराहा के सनोज राम का पुत्र बसंत (11) भी मारा गया। सनोज व उसके भाई मनोज राम के घर में बसंत एकलौता पुत्र था। बसंत के अलावा घर में तीन बेटियां हैं। बड़ी मन्नतों के बाद सनोज के घर बसंत पैदा हुआ था। रिक्शा चलाकर व मजदूरी कर घर चलाने वाले दोनों भाइयों ने हैसियत से बढ़कर बसंत की परवरिश की। लेकिन महज 11 बसंत देखने के बाद खरना के दिन बसंत दुनिया से चला गया। उसके साथ ही इस घर से खुशियां भी चली गयी।

शंकर राम के घर भी खरना कोहराम बनकर आया। तीन लड़कियों के बाद शंकर के घर रोशन पैदा हुआ था। छठ के उल्लास में डूबा यह परिवार रोशन की घाट बनाने की जिद टाल नहीं पाया। लेकिन कौन जानता था कि जिस घाट पर वे लोग छठ मनाने की तैयारी में हैं, वही उनके परिवार की रोशनी छीन लेगा। रोशन की मौत इस परिवार पर कहर बनकर टूटी। इसी मोहल्ले के अशोक मिस्त्री के घर सात बेटियों के बाद सुजीत पैदा हुआ था। जिस दिन से वह पैदा हुआ अशोक के परिवार ने कभी मायूसी नहीं देखी। हर गम सुजीत की मुस्कान देखकर मिट जाता था। लेकिन मंगलवार की शाम जब सुजीत की अर्थी निकली तो पूरे परिवार की चीत्कार से वहां मौजूद लोगों के कलेजे कांप गए।

सनोज के पड़ोसी लक्ष्मण साह ने भी इस हादसे में अपना पुत्र खो दिया।


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