स्वर्ण मतदाताओं को 'बंधुआ' समझने की भूल न करे भाजपा
सहरसा, जासं : विधानसभा उपचुनाव का परिणाम सभी के लिए संदेश है। उक्त बातें पूर्व सांसद लवली आनंद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है। विज्ञप्ति के मुताबिक महागठबंधन के लोग जहां पिछले चुनावों में अपने पक्ष में प्राप्त मतों का प्रतिशत जोड़कर क्लीन स्वीप की बातें समझा रहे थे, परंतु परिणाम उनके लिए उत्साहवर्द्धक नहीं रहा। ठीक उसी प्रकार लोकसभा चुनाव परिणाम से उत्साहित लोगों के लिए यह दिन तारे दिखाने जैसा है।
पूर्व सांसद ने कहा कि दस में दो दलित आरक्षित सीटों के अलावा पांच सामान्य सीटों पर स्वर्ण उम्मीदवारों की जीत से यह साबित हो गया कि भविष्य मुट्ठी में बताकर न तो इसका अपमान किया जा सकता है और न ही राजनीतिक अहमियत को अस्वीकारा जा सकता है। उन्होंने कहा कि चुनाव मध्य में बेमतलब मंडल और कमंडल के मुद्दे उठानेवाले मंडलवादियों को यह संदेश है कि अगर उसके हिस्से की कुल छह में चार सीटें जीतकर स्वर्णो ने उन्हें सौंपा नहीं होता, तो बिहार के भावी चुनाव में उसके भविष्य क्या होते। परिणाम भाजपा नेताओं के लिए भी स्पष्ट संकेत है कि वह स्वर्ण मतदाताओं को अपना बंधुआ मजदूर समझने की कोशिश न करे। देश की जनता दकियानूसी बातों से उब चुकी है। यहां अब मुद्दा आधारित राजनीति चलेगी, आगे धर्म और जाति की नहीं योग्यता, प्रतिभा और कर्मठता की जीत होगी।