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सहरसा:डीएसपी व थानाध्यक्ष पर अविलंब दर्ज हो मुकदमा

By Edited By: Published: Fri, 18 Jul 2014 07:05 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jul 2014 07:05 PM (IST)
सहरसा:डीएसपी व थानाध्यक्ष पर अविलंब दर्ज हो मुकदमा

सहरसा, जागरण संवाददाता : पुलिसिया जुर्म की शिकार हुई बबीता को न्याय दिलाने के लिए कई हाथ उठने लगे हैं। इसको लेकर शुक्रवार को जिला परिषद परिसर में राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। बैठक में कहा गया कि बगैर किसी जुर्म के डीएसपी एवं थानाध्यक्ष के द्वारा बर्बरतापूर्ण पिटाई मानवाधिकार का उल्लंघन और नारी अस्मिता के साथ खिलवाड़ है। बैठक में निर्णय लिया गया कि अगर दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन शुरू किया जायेगा।

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बैठक की अध्यक्षता करते हुए राजद के जिलाध्यक्ष मो. ताहिर ने कहा कि इस मुद्दे को मानवाधिकार एवं महिला आयोग के समक्ष भी लाया जायेगा। उन्होंने विधायक डा. गफूर को दूरभाष पर मामले की जानकारी देते हुए इस मामले को विधानसभा में उठाने का आग्रह किया है। राजद नेता अजय कुमार सिंह ने कहा कि मीडिया में लगातार खबरें आ रही है। किंतु, वरीय पदाधिकारियों ने बबीता से मिलना मुनासिब नहीं समझा। यह संवेदनहीनता की पराकाष्ठा है। जिला परिषद के उपाध्यक्ष रितेश रंजन ने इस मुद्दे को लेकर डीआइजी से मिलने का प्रस्ताव रखा। जिला पार्षद प्रवीण आंनद ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि शनिवार को आयोजित इफ्तार पार्टी के बाद सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के नेतृत्व में डीआइजी से सर्वदलीय शिष्टमंडल मिला जाए।

बैठक में राजद के प्रदेश महासचिव रंजीत यादव, जिला पार्षद प्रवीण आंनद, युवा राजद के प्रदेश उपाध्यक्ष शिवशंकर विक्रांत, एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष सुदीप कुमार सुमन, छत्री यादव, वार्ड आयुक्त अनिल गोप, जितेंद्र भगत, मुखिया अरविंद यादव, पूर्व प्रमुख शंभुनाथ झा, जन्नत हुसैन, प्रकाश चंद्र झा सहित कई लोग मौजूद रहे।

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दुष्कर्मियों को पकड़ने की बजाय निर्दोष को पीट रही है पुलिस : मुन्ना

फोटो : 18 एसएआर 1

कैप्शन : बबीता से मिलने सदर अस्पताल पहुंचे पूर्व विधायक को पुलिसिया जुल्म की दास्तान सुनाती उसकी मां

सहरसा, जासं : भाजपा नेता पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना ने गुरुवार को सदर अस्पताल पहुंचकर पुलिसिया जुल्म की शिकार हुई बबीता से मिलकर उसे न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।

बबीता की मां ने रोते-रोते कहा एसडीपीओ एवं दरोगा ने उनकी बेटी का यह हाल किया है। दर्द से वह न तो बैठ पाती है और न ही ठीक से सो पाती है। बैठे-बैठे उसे दांती लग जाता है। वह ठीक से भोजन भी नहीं कर पा रही है।

बबीता से मिलने के बाद विधायक ने कहा कि बख्तियारपुर अनुमंडल में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं रह गयी है। कामाथान में फुलो कुमारी की हत्या दुष्कर्म के बाद कर दी गयी। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने डीएसपी को बंधक बनाया तो एसपी ने जाकर मुक्त कराया। फुलो के हत्यारे की गिरफ्तारी को चैलेंज के रूप में लेने की बजाए पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठ गयी। सुधा का दुष्कर्मी हत्यारा भी नहीं पकड़ा गया है। गोरियारी गांव में एक लड़की को अगवा कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। प्राथमिकी एवं 164 के बयान के बाद भी पुलिस ने कार्रवाई करना मुनासिब नहीं समझा तो उस लड़की को दोबारा अगवा कर लिया गया। पुलिस अबतक लड़की को बरामद नहीं कर पायी है। आपसी विवाद में बगैर महिला पुलिस को साथ लिए जिस तरह से पुलिस ने बबीता के पिटाई की है वह शर्मनाक है। इन सभी मुद्दों को लेकर वो पुलिस महानिदेशक से मिलेंगे। विधायक के साथ मंजीत सिंह एवं लल्लू झा भी थे।

ज्ञात हो कि सोमवार रात पुलिकर्मियों ने बख्तियारपुर थाना क्षेत्र के सकरौली गांव में घर में घुसकर बबीता देवी (24) की लाठी व डंडे से जमकर पिटाई कर दी। सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची बबीता देवी ने एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद एवं थानाध्यक्ष आरके शरण पर निर्ममता पूर्वक पिटाई करने का आरोप लगाया है। बबीता ने बताया कि रात में वो मछली बना रही थी। उसी वक्त घर के दरवाजे पर दस्तक हुई। पूछने पर पुलिस बताया गया। वह दरवाजा खोलने के लिए हाथ धोने लगी। उधर दरवाजा लगातार पीटा जा रहा था। जैसे ही दरवाजा खोली कि डीएसपी एवं दरोगा ने दरवाजा खोलने में विलंब करने की बात कहकर गाली-गलौज करते हुए उस पर तड़ातड़ लाठियां बरसाने लगे। उसके चीखने पर जब उसके चचेरे ससुर पहुंचे तो उनलोगों ने उन्हें भी पीटा।

उधर थानाध्यक्ष ने कहा कि सकरौली की नीलम देवी ने शिकायत करने वाली महिला बबीता देवी के पति पह्लाद साह, गोपाल साह, पुकार साह, नारायण साह, किशोर साह एवं रीता देवी पर डायन बताकर पिटाई करने की प्राथमिकी दर्ज करा रखी है। इस मामले में गोपाल साह व किशोर साह को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा गया है। इसलिए पुलिस पर पिटाई का झूठा आरोप लगा रही है।

एसडीपीओ उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि सकरौली में डायन बताकर पिटाई करने की सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची। पुलिस के समक्ष ही दोनों पक्ष आपस में मारपीट करने लगे। पुलिस पर मारपीट करने का झूठा आरोप लगाया जा रहा है।


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