पानी न मिलने से आठ जिले अकाल के कगार पर
रोहतास। आठ जिलों की जीवन रेखा सोन नहर प्रणाली में अंतिम पटवन के लिए पानी को लेकर हाह
रोहतास। आठ जिलों की जीवन रेखा सोन नहर प्रणाली में अंतिम पटवन के लिए पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। पानी नहीं मिलने के कारण क्षेत्र में आकाल का साया मंडराने लगा है। विगत डेढ़ माह से चुनावी शोर में क्षेत्र के किसानों की आवाज दब कर रह गई। बाली लगे धान की फसलें पानी के अभाव में सूख रही हैं। किसानों में यह ¨चता है कि यदि फसलें सूख गई तो बच्चों की पढाई-लिखायी व अन्य काम कैसे होंगे। फसलों को बचाने के लिए किसान आसमान की ओर टकटकी लगाए हुए हैं। एक तरफ हथिया नक्षत्र ने धोखा दे दिया और अब नहरों में पानी नहीं मिलने के कारण किसानों की बेचैनी बढ़ती जा रही है। पानी के अभाव में धान की फसलें पीली पड़ रही हैं। वहीं पत्तियों में रोग भी लग रहे हैं।
जल संसाधन विभाग के मोनिट¨रग सेल के कार्यपालक अभियंता आइडी ¨सह ने कहा कि रिहंद जलाशय से पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण अंतिम पटवन में परेशानी हो रही है। विभाग द्वारा तातील प्रणाली लागू कर अंतिम पटवन के लिए टेल इंड तक पानी पहुंचाने का प्रयास जारी है। उन्होंने बताया कि शनिवार को रिहंद द्वारा 4085 व वाणसागर जलाशय से 5854 क्यूसेक पानी प्राप्त हुआ है। जिसमें से पूर्व संयोजक नहर के औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद तथा पटना में 3290 व पश्चिमी संयोजक नहर रोहतास, कैमूर, बक्सर व भोजपुर में 6580 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है।
इंद्रपुरी बराज से शनिवार को छोड़ा गया पानी
उच्च स्तरीय नहर: 935 क्यूसेक
आरा मुख्य नहर : 2313 क्यूसेक
बक्सर मुख्य नहर: 2396 क्यूसेक
चौसा शाखा नहर : 100 क्यूसेक
बक्सर शाखा नहर : 1438 क्यूसेक
गारा चौबे शाखा नहर : 833 क्यूसेक
डुमरांव शाखा नहर : 30 क्यूसेक
बिहियां शाखा नहर : 600 क्यूसेक
केइलवर वितरणी : 230 क्यूसेक
भोजपुर वितरणी : 257 क्यूसेक
करगहर वितरणी : 282 क्यूसेक