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16 लाख की खिचड़ी 'खा' गए गुरुजी, शिक्षकों में मचा हड़कंप

विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। प्रधानाध्यापकों ने बच्चों की अधिक उपस्थिति दिखा लगभग 16 लाख रुपये डकार लिए।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 01:52 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 09:50 PM (IST)
16 लाख की खिचड़ी 'खा' गए गुरुजी, शिक्षकों में मचा हड़कंप
16 लाख की खिचड़ी 'खा' गए गुरुजी, शिक्षकों में मचा हड़कंप
रोहतास [जेएनएन]। विद्यालयों में छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के लिए शुरू की गई मध्याह्न भोजन योजना में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। प्रधानाध्यापकों ने बच्चों की अधिक उपस्थिति दिखा लगभग 16 लाख रुपये डकार लिए। जांच के क्रम में जब हकीकत सामने आई, तो विभाग के वरीय अधिकारी सकते में आ गए। डकारी गई रकम को वसूलने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अब विभागीय अधिकारी विद्यालयों में औचक निरीक्षण कर उस दिन की उपस्थिति के आधार पर एमडीएम की राशि उपलब्ध कराएंगे। 
शिक्षकों में मचा हड़कंप 
एमडीएम को ले विभाग के सख्त होने से शिक्षकों में बेचैनी पैदा हो गई है। वे अब मध्याह्न भोजन योजना के क्रियान्वयन से अपने को अलग रखने की मांग करने लगे हैं। जिसमें शिक्षक संघों से जुड़े सदस्य शिक्षकों की मांग में सुर मिलाने लगे हैं। 
सौ से अधिक स्कूलों से वसूली गई राशि
एमडीएम के डीपीओ राजदेव राम की मानें तो अब तक सौ से अधिक स्कूलों से 16 लाख की राशि वसूली गई है। अगस्त में शिवसागर प्रखंड के दर्जन भर स्कूलों से लाखों की राशि वसूली गई थी। उसके बाद दिसंबर 2016 में 71 स्कूलों से 9.84 लाख रुपये की राशि रिकवरी की गई है। इन स्कूलों की जांच जिला स्तरीय टीम द्वारा की गई थी। अधिकांश स्कूलों में छात्रों की फर्जी हाजिरी बना एमडीएम की राशि गबन करने के मामले प्रकाश में आए थे। प्रधानाध्यापकों को एमडीएम क्रियान्वयन में पूरी पारदर्शिता बरतने का निर्देश दिया गया है।
अधिकारियों की माने तो इसके पूर्व भी शिवसागर प्रखंड के दर्जन भर स्कूलों से राशि वसूली की कार्रवाई की गई थी। बावजूद हेडमास्टरों द्वारा मध्याह्न भोजन योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता व सतर्कता बरतने की कोशिश नहीं की गई। जिन स्कूलों से राशि वसूली की कार्रवाई की गई है, वहां के हेडमास्टरों को विभाग के खाता में शीघ्र राशि जमा करने का निर्देश दिया गया है।
यदि प्रधानाध्यापक आदेश पर अमल नहीं करते हैं, तो उनके विरूद्ध अन्य कार्रवाई भी की जाएगी। वहीं दिनारा के कुछ विद्यालयों में फर्जीवाड़ा का मामला हाल ही में सामने आया था। जहां विद्यालय में चोरी होने के बाद भी दो दिनों तक बिना बर्तन व राशन के एमडीएम बनता रहा। अब गांव के जागरूक लोग इस मामले को डीएम व प्रधान सचिव तक ले गए हैं। जहां राशि वसूली तय मानी जा रही है।

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