कैमूर पहाड़ी से बरामद शव आखिर किसका !
रोहतास। मुठभेड़ में मारे गए तथाकथित नक्सली की घटना को लेकर रहस्य से अभी पर्दा उठाना बाक
रोहतास। मुठभेड़ में मारे गए तथाकथित नक्सली की घटना को लेकर रहस्य से अभी पर्दा उठाना बाकी है। बड्डी थाना क्षेत्र के पनारी घाट से बरामद शव को 36 घंटे बाद भी पुलिस उसकी शिनाख्त नहीं कर सकी है। बड्डी थानाध्यक्ष दीपक झा के अनुसार शव को अज्ञात मानते हुए शनिवार को सदर अस्पताल सासाराम में उसका अंत्यपरीक्षण करवाया गया है। फिलहाल शव को पुलिस ने सुरक्षित रखा है। मृतक के सीने में गोली लगी है। अंत्य परीक्षण रिपोर्ट से ही इसका खुलासा हो पाएगा कि छाती में लगी गोली पुलिस राइफल की है या किसी अन्य हथियार की। एक दिन पूर्व कैमूर पहाड़ी पर टीपीसी कमांडर अनिल कुशवाहा उर्फ संदेश के मारे जाने की चर्चा पूरे जोरों पर थी। पुलिस भी दबी जुबान से नक्सली कमांडर के मारे जाने की बात कह रही थी। लेकिन शनिवार को शव की शिनाख्त नहीं हो पाने से रहस्य अब भी बरकरार है। एसपी मानजीत ¨सह ढिल्लो ने कहा कि शव का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। एसपी के अनुसार डीएनए टेस्ट का मिलान अनिल कुशवाहा उर्फ संदेश के परिजनों से कराया जाएगा।
गांव वालों से कराई गई पहचान :
जानकारी के अनुसार शनिवार को पुलिस ने अनिल कुशवाहा उर्फ संदेश के मूल गांव कैमूर जिला के कसेर (भगवानपुर) के लोगों से उसकी शिनाख्त कराने का प्रयास किया। परंतु गांव वाले भी पहचान नहीं सके।
बरामद शव को देख लोगों ने लगाए कयास:
पहाड़ी से बरामद शव किसी समान्य व्यक्ति का नहीं है। चेहरा व वेशभूषा देखकर लोग यही कयास लगा रहे हैं कि वह निश्चित रूप से कोई संदिग्ध है। नक्सली संगठन से ही जुड़ा कोई व्यक्ति होने की भी पूरी संभावना जताई जा रही है। अभी तक शव का कोई दावेदार सामने नहीं आने से अब पुलिस कुछ भी कहने से बच रही है। बरामद शव अनिल के बदले सुनील का भी हो सकता है।