बंदोबस्ती स्थगित होने से पत्थर माफियाओं की चांदी
जागरण संवाददाता, सासाराम : कैमूर पहाड़ी के तीन पत्थर खदानों की बंदोबस्ती स्थगित किए जाने के बाद फिर
जागरण संवाददाता, सासाराम :
कैमूर पहाड़ी के तीन पत्थर खदानों की बंदोबस्ती स्थगित किए जाने के बाद फिर जिले में पत्थर माफियाओं की चांदी हो गई है। अवैध खनन से लेकर क्रशर तक के संचालन में माफियाओं के बढ़ते प्रभाव ने कई विभागों की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि प्रशासन ने लीज प्रक्रिया को रद्द नहीं किया है। अब सबकी निगाहें अगली कार्रवाई को ले खान व भूतत्व आयुक्त पर टिकी हुई है।
टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने वाले कई लोगों की मानें तो सरकार की मंशा स्पष्ट नहीं है। लगभग सवा अरब रुपये टेंडर में जमा कराए गए हैं। उक्त ड्राफ्ट को प्रशासन लौटा भी नहीं रहा है। जबकि यह राशि बैंक से 12 से 16 फीसद ब्याज पर कर्ज के रुप में ली गई है। निविदादाता आलोक सिंह का कहना है कि अगर मंगलवार तक प्रशासन कोई ठोस निर्णय नहीं लेता है तो वे सब कोर्ट जाने के लिए विवश हो जाएंगे। वहीं कई निविदाकर्ता सोमवार को स्थिति स्पष्ट करने के लिए खनन आयुक्त से मिलेंगे। ताकि उन्हें यह पता चल सके कि निविदा प्रक्रिया स्थगित करने के पीछे सरकार या विभाग की क्या मंशा है। अवैध खनन कार्य में संलग्न माफिया बंदोबस्ती से पूर्व जोर-शोर से अवैध खनन में जुट गए हैं। एसपी शिवदीप लांडे की मानें तो अवैध खनन को पुलिस ने चुनौती के रूप में लिया है। माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई और तेज की जाएगी।
अवैध खनन रोकने के प्रति प्रशासन गंभीर :
अवैध खनन रोकने के प्रति जिला प्रशासन व खनन विभाग पूरी तरह गंभीर है। सहायक खनन निदेशक मो.सलीम अख्तर ने कहा कि जब तक पत्थर खदान की लीज प्रक्रिया पूरी नहीं होती तब तक अवैध खनन रोकने के लिए कार्रवाई चलती रहेगी।