मानसून के साथ बिजली ने भी किसानों को दिया दगा
जेएनएन, सासाराम (रोहतास) : बिजली को ले चहुंओर हाहाकार मचा है। मानसून के साथ बिजली ने भी किसानों को दगा दे दिया है। जिससे धान की फसल बर्बाद होने लगी है। असिंचित क्षेत्रों में रोपे गए धान के पौधे पशुओं को खिलाने के काम में आ रहा है।
सासाराम, शिवसागर, चेनारी, नासरीगंज सहित कई प्रखंडों में किसान बिजली को ले प्रदर्शन कर रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 20 घंटे बिजली देने की सरकारी घोषणा का आलम यह कि यहां तीन से चार घंटे ही बिजली मिल रही है। वह भी लगातार नहीं। नासरीगंज प्रखंड में 24 घंटे में तीन घंटे भी बिजली नसीब नहीं हो रही है।
उपभोक्ता कंवल किशोर, अनीसुर रहमान, कमला कुंअर, सबिता देवी, सरयू प्रसाद ने बताया कि विद्युत एसडीओ व जेई बिल के लिए तो दबाव दे रहे हैं, पर बिजली में सुधार होने के बजाए दिनोंदिन स्थिति बदतर होती जा रही है। पावर स्टेशन को जितनी बिजली प्राप्त हो रही है उसे बारी-बारी से फीडरों में आपूर्ति की जा रही है।
नोखा के उपभोक्ताओं का कहना है कि पिछले 48 घंटे के दौरान महज छह घंटे बिजली आपूर्ति हुई है। उसका भी कोई समय सीमा निर्धारित नहीं है। जेई रवि कुमार का कहना है कि सीएलडी से ही कम बिजली प्राप्त हो रही है। वहीं शिवसागर प्रखंड में भी पूरी रात बिजली गायब रही।
सिलारी निवासी अमरेश सिंह, चमरहां के रामप्रवेश सिंह सहित अन्य किसानों की मानें तो सुधार की उम्मीद लोगों ने छोड़ दिया है। शिकायत करते-करते उपभोक्ता थक चुके हैं। चेनारी में भी बिजली को ले त्राहिमाम मचा है।
बैरिया के कोमल सिंह, पूर्व मुखिया रामअवतार सिंह, चंद्रमा तिवारी का कहना है कि बिजली की किल्लत से खेत में रोपे गए धान के पौधे सूख रहे हैं। इस क्षेत्र की कृषि पूरी तरह बिजली पर आश्रित है। बिजली कब आती है और कब चली जाती है इसका पता भी नहीं चल रहा। बिजली आने पर किसान मोटर मशीन की ओर जैसे ही दौड़ते हैं, लाइन कट जाती है।