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कुसुम्हरा में आशियाना उजड़ने से सड़क पर आया परिवार

By Edited By: Published: Fri, 22 Aug 2014 01:04 AM (IST)Updated: Fri, 22 Aug 2014 01:04 AM (IST)
कुसुम्हरा में आशियाना उजड़ने से सड़क पर आया परिवार

कमलेश कुमार, अकोढ़ीगोला (रोहतास) : कुसुम्हरा भुइया टोली में कपड़ा सुखाने तक दुबकी रहत है 'लाजो'। गत मंगलवार की अहले सुबह राजपुर रजवाहा टूटने से मची तबाही में पांच घर ध्वस्त हो गए। तन पर के कपड़े के अलावा सब कुछ जमींदोज हो गया। आशियाने उजड़ने के साथ ही इन परिवारों के सपने भी टूट गए। कुछ इसी हालत से कटाव व बाढ़ पीड़ित परिवारों की महिलाओं व बेटियों को गुजरना पड़ रहा है। घर द्वार से दूर पीड़ित परिवारों की स्थिति यह है कि महिलाएं नहाने के बाद अपने कपड़े सुखने तक झाड़ी की ओट में दुबकी रहती है। रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत सुविधाओं से दूर इन परिवारों के दर्द की इंतहा हो गई है। किसी तरह की आशंका से सहमे पीड़ित परिवार सुरक्षित ठिकाने तलाश रहे हैं। सरकारी सहायता के नाम पर मात्र 25 किलो अनाज मिलने के बाद परिजन आसमान के नीचे जिंदगी काट रहे हैं। अर्जुन पासवान कहते हैं जवान बेटा के मरला के बाद दशकर्म रोडे पर करतानी। साहेब लोगन एको तिरपाल ना देलन। श्राद्ध भी खेते में करे पड़ी। सीता देवी कहती है कि घर उजड़े के बाद इज्जत बचावल मुश्किल बा। महादलित मुख्यमंत्री से उम्मीद रहे। बाकि अब तक कोई नेता अफसर पूछे भी ना अइलन। इन परिवारों का दर्द ऐसा कि उन्हें देखने वाले हर किसी के आंखों से आंसू झलक पड़ते है। अधिकारियों की संवेदनहीनता का आलम यह कि सीओ कुमार नलीनीकांत कर्मचारी से रिपोर्ट मंगा जिला में भेजने की बात करते हैं। किसी जन प्रतिनिधि ने भी अब तक इनकी सुधि नहीं ली है। पीड़ित परिवार पथराई आंखों से सहायता वाले हाथ का इंतजार कर रहे है। सीओ का कहना है कि कुल दस परिवार कटाव व बाढ़ से अधिक प्रभावित है। कर्मचारी की रिपोर्ट के आधार पर अग्रतर कार्रवाई हेतु रिपोर्ट जिला को भेजी गई है।


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