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पेयजल के लिए खेती को लगाया 'दांव'

By Edited By: Published: Tue, 29 Jul 2014 07:19 PM (IST)Updated: Tue, 29 Jul 2014 07:19 PM (IST)

- ग्रामीणों ने बंद कराया डीजल पंप

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- आठ फीट नीचे गिरा जल स्तर

जागरण संवाददाता, सासाराम : अकाल की मंडरा रही साया के बाद अब कई गांवों के किसानों ने पेयजल के लिए खेती तक को दांव लगा दिया है। तेजी से गिर रहे जल स्तर के बाद किसानों ने गांव के बधार में डीजल पंप नहीं चलाने का फैसला लिया है। वहीं कई गांवों में कुछ ही घंटे डीजल पंप चलने के बाद वह पानी देना बंद कर दे रहा है।

कोचस प्रखंड के नरवर व नौंवा पंचायत के दर्जन भर गांवों में पानी के लिए हाहाकार है। भगतगंज, भगीरथा, नरवर, हरदासपुर, खुदरु सहित कई अन्य गांवों में 15 फीसद भी धान की रोपनी नहीं हो पाई है। किसानों का कहना है कि लगातार डीजल पंप चला रोपनी किया जा रहा था। लेकिन गांव का चापाकल पानी छोड़ने लगा। जिसके बाद डीजल पंप फिलहाल नहीं चलाने का निर्णय लिया गया है। कई गांवों के बधार में दो घंटे पंप चलने के बाद वह बंद हो जा रहा है।

किसानों का दुख: - खदांव के किसान प्रेम कुमार सिंह, हरदेव पाल, हरदास पुर के भोला सिंह, मनोज सिंह, मोती सिंह, नरवर के किसान मोबिन अंसारी, दिनेश सिंह, इंद्रमा राय, रामाशीष चौबे, पैक्स अध्यक्ष लाल साहब सिंह सहित अन्य का कहना है कि तीन वर्ष बाद ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। डीजल पंप चलाने से जल स्तर घटने के कारण किसानों ने एक राय से डीजल पंप वर्षा होने तक डीजल पंप नहीं चलाने का निर्णय लिया है। अबतक इन गांवों में 15 फीसद भी रोपनी नहीं हो पाई है। प्रखंड प्रमुख सीता देवी कहती हैं कि वे डीएम से सूखा क्षेत्र घोषित करने की मांग की हैं।

लक्ष्य से 36 फीसद कम बारिश - जुलाई माह में 318.5 एमएम बारिश लक्ष्य के विरुद्ध महज 205 एमएम बारिश हुई है। यह लक्ष्य से 36 फीसद कम है। रोपनी 49.5 फीसद होने का दावा किया गया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि जिले में समान वर्षा नहीं होने से किसी क्षेत्र में अधिक तो कहीं काफी कम रोपनी हुई है।

कहते हैं अधिकारी

पीएचईडी के सहायक अभियंता प्रभु नारायण राय ने कहा कि खुदरु, ओसरांव के बधार में डीजल पंप चलने से लगभग आठ फीट जल स्तर नीचे गिरा है। जिसके कारण साधारण चापाकल पानी देना बंद कर दिया है। सिलिंडर वाले चापाकल से पेयजल की व्यवस्था हुई है।

कहते हैं कृषि अधिकारी

जिला कृषि अधिकारी राजेश प्रताप सिंह का कहना है कि जिले में एक समान वर्षा नहीं होने से रोपनी काफी प्रभावित हुआ है। नहर के पास वाले गांवों में जहां 80 फीसद रोपनी हुई है, वहीं कई गांवों में महज 10 से 15 फीसद। गत वर्ष जुलाई में लक्ष्य के अनुरुप व समान वर्षा हुई थी। इस वर्ष जुलाई में लक्ष्य से 36 फीसद कम वर्षा हुई है।

कोचस के इन गांवों में पानी के अभाव में खेती प्रभावित-

नरवर पंचायत

* भगतगंज

* भगीरथा

* नरवर

* खुदरु

* धनछुआं

* सारोसोत

नौंवा पंचायत

* उसरांव

* बेदहां

* धबधुआं


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