पुलिस पचा जाती है शराब की बड़ी खेप
पूर्णिया। शराब के साथ जब्त वाहन मामले में पुलिस द्वारा दो आरोपियों को पकड़ कर छोड़े जाने
पूर्णिया। शराब के साथ जब्त वाहन मामले में पुलिस द्वारा दो आरोपियों को पकड़ कर छोड़े जाने की बात भले ही पुलिस के आला अधिकारी कर रहे हों लेकिन इस मामले में 48 घंटा बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं। पुलिस इस मामले में अपने पुराने स्टैंड पर ही कायम है कि सिर्फ शराब के साथ वाहन को जब्त किया गया जबकि वास्तविकता कुछ और ही है।
बताया जाता है कि शराब लदे वाहन के साथ दो आरोपियों को रात में पकड़कर सदर थाना के नाका में रखा गया। वहीं पर रात से लेकर दिनभर मामले को रफा-दफा करने का मोल-भाव चलता रहा। आखिरकार जब शराब बरामदगी का पूरा मामला सबके सामने आ गया तो फिर पकड़ में आए दोनों आरोपियों को छोड़कर शराब एवं वाहन की जब्ती दिखा दी गई। सदर डीएसपी के संज्ञान में मामला आने के बाद नाका में खड़े शराब लदे वाहन को सदर थाना लाया गया।
अगर इस मामले में सदर डीएसपी राज कुमार साह ने सही वक्त पर मिली गुप्त सूचना के आधार पर संज्ञान नहीं लिया होता तो शायद पूरी कहानी ही उलट होती।
अक्सर हर थाना द्वारा किसी भी प्रकार की बरामदगी एवं अन्य मामलों में की गई कार्रवाई से थाने द्वारा अपने क्षेत्र के डीएसपी को अवगत कराया जाता है लेकिन 125 लीटर शराब के साथ जब्त मामले में सदर पुलिस ने ठीक इसके उलट किया। सूचना के बाद डीएसपी ने जब तत्काल इस संबंध में सदर थाना अध्यक्ष अवधेश कुमार से पूछताछ की तो उन्होंने शराब लदे वाहन को जब्त करने की बात को स्वीकार की। सवाल उठता है कि अगर बिना किसी आरोपी के ही 125 लीटर शराब के साथ वाहन को जब्त किया गया था तो सदर थाना पुलिस ने अपने वरीय अधिकारियों को इसकी सूचना क्यों नहीं दी।
पूर्व मुखिया का है वाहन
पुलिस ने जिस वाहन को जब्त किया है वह पूर्व मुखिया प्रदीप दास के पुत्र के नाम से है। सबसे हैरत की बात यह है कि इस वाहन में आजतक नंबर नहीं लगा है लेकिन इसने 29 हजार किलोमीटर का सफर तय कर लिया है। बताते चलें कि पुलिस ने 125 लीटर विदेशी शराब लदे वाहन को जब्त किया था। वाहन पर महानगर प्रभारी युवा राष्ट्रीय जनता दल का बोर्ड लगा हुआ था। कागजात के आधार पर यह वाहन पवन कुमार दास का निकला, जो बेलवा पंचायत के पूर्व मुखिया का पुत्र है।
चालक बना रहस्य
वाहन के संबंध में पूछने पर प्रदीप दास कहते हैं जब्त वाहन को मेरे बेटे का मित्र देवघर जाने के लिए मांग कर ले गया था। उनके द्वारा जिस व्यक्ति का नाम वाहन मांगने के लिए बताया जा रहा है वह खुद कई वाहनों का मालिक है। वहीं वाहन मालिक इस बात से भी साफ इंकार करते हैं कि वाहन में चालक कौन था उन्हें नहीं पता जबकि स्थानीय लोग बताते हैं की एक स्थानीय युवक इस वाहन का स्थायी चालक था।
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सीमापार से लाते थे शराब
बताया जाता है कि जो वाहन जब्त किया गया है उस वाहन से अक्सर शराब की खेप बंगाल से भाया कदवा के रास्ते लाई जाती थी। कटिहार पुलिस ने दबिश बढ़ाई तो धंधेबाज दालकोला भाया बायसी के रास्ते शराब लाने लगे। ये धंधेबाज रानीपतरा सहित कई इलाकों में शराब की बिक्री होम डिलीवरी के माध्यम से करते हैं। मामले की जांच हो तो बड़े गिरोह का खुलासा हो जाएगा।