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शिकायत निवारण अधिकार बन रहा लोगों का हथियार

पूर्णिया। अमौर प्रखंड में एक गांव है लरहिया। गांव में बिजली पहुंच गई है लेकिन दो माह पहले

By Edited By: Published: Wed, 29 Jun 2016 03:02 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2016 03:02 AM (IST)
शिकायत निवारण अधिकार बन रहा लोगों का हथियार

पूर्णिया। अमौर प्रखंड में एक गांव है लरहिया। गांव में बिजली पहुंच गई है लेकिन दो माह पहले गांव में लगा 16 केवीए का ट्रांसफर्मर जल गया। ग्रामीणों ने विद्युत विभाग को आवेदन दिया, कई बार कार्यालय का चक्कर भी लगाया। परंतु जला हुआ ट्रांसफार्मर का न तो मरम्मत कराया गया और न ही उसे बदला गया। इसी बीच 5 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोक शिकायत निवारण अधिनियम लागू किए जाने की घोषणा की। जिसके बाद कुमर सयीद ने 6 जून को जिला लोक शिकायत निवारण कार्यालय में इसकी शिकायत दर्ज कराई। जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी मनोज कुमार ने विद्युत कार्यपालक अभियंता को नोटिस भेजकर उक्त संबंध में स्पष्टीकरण देने के लिए 14 जून की तिथि मुकर्रर की। लेकिन नोटिस मिलने के साथ ही विभाग ने उस गांव में 14 जून से पहले ही ट्रांसफार्मर बदल दिया। निर्धारित तिथि पर आवेदक ने पहुंच कर कार्यालय में पहुंच कर जानकारी दी कि उनका ट्रांसफार्मर बदल दिया गया है। जिसके बाद उनके आवेदन को निष्पादित सूची में डाल दिया गया। जिले में अब तक ऐसे 14 मामलों का निष्पादन सुनवाई के जरिए किया जा चुका है। यानि लोक शिकायत निवारण अधिकार पीड़ित लोगों का हथियार बनने लगा है।

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लोक शिकायत निवारण अधिनियम के जरिए पीड़ितों को न्याय मिलने लगा है। जिला मुख्यालय के अलावा चारों अनुमंडल मुख्यालयों में लोक शिकायत निवारण कार्यालय कार्य करने लगे हैं। उक्त कार्यालयों में 20 दिनों में ही 703 आवेदन पहुंच गये हैं। सबसे अधिक आवेदन जिला शिकायत निवारण कार्यालय में पहुंचे हैं। 25 जून तक वहां 322 आवेदन पहुंचे थे। हालांकि उनमें दूसरे अनुमंडल के आवेदन भी शामिल थे जिन्हें संबंधित कार्यालयों में भेजा गया है। वहां से अब तक 8 मामलों का निष्पादन सुनवाई के जरिए किया गया है। सुनवाई किए गए मामलों में भूमि विवाद से संबंधित, ऋण से संबंधित मामले, उत्थान केंद्र, ट्रांसफार्मर जले होने से संबंधित मामले शामिल हैं। चंपानगर के एक आवेदक ने यूको बैंक द्वारा हाउ¨सग ऋण नहीं दिए जाने की शिकायत की थी। जिसके बाद अग्रणी बैंक के प्रबंधक को उपस्थित होने का नोटिस भेजा गया। लेकिन वे समय पर उपस्थित नहीं हुए। इसके बाद उन्हें अंतिम रूप से उपस्थित होने की नोटिस दी गई है अन्यथा उन पर कार्रवाई संभव है। इसी तरह बायसी से 4 एवं बनमनखी तथा धमदाहा के कार्यालयों से एक-एक मामले का निष्पादन किया गया है। आवेदक के मामले का निष्पादन हर हाल में 60 दिनों के अंदर किया जाना है। दिए गए न्याय से असंतुष्ट होने पर संबंधित पक्ष उपर के कार्यालय में अपील दायर कर सकते हैं। कहा जा सकता है कि आरटीआइ व आरटीपीएस की तरह लोक शिकायत निवारण अधिनियम भी प्रमुख हथियार साबित हो रहा है।


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