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बाढ़ ने किसी के सपने को बहा ले गई तो किसी का आशियाना

पूर्णिया। बाढ़ का पानी जितनी तेजी से आया उतनी तेजी से ही निकल भी गया। मगर बाढ़ का पानी अपने साथ बहा ले गई कई लोगों के सपने तो लाखों लोगों के आशियाने।

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Aug 2017 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 17 Aug 2017 03:01 AM (IST)
बाढ़ ने किसी के सपने को बहा ले गई तो किसी का आशियाना

पूर्णिया। बाढ़ का पानी जितनी तेजी से आया उतनी तेजी से ही निकल भी गया। मगर बाढ़ का पानी अपने साथ बहा ले गई कई लोगों के सपने तो लाखों लोगों के आशियाने। मगर इसने दो दिनों के अंदर बायसी, अमौर, वैसा, कसबा, डगरूआ, जलालगढ़ में जो तबाही मचाई है उसे शायद ही कोई वर्षो भूल पाएगा। बाढ़ हर साल आती थी, लेकिन इस बार आई बाढ़ ने तो आने का अहसास तक नहीं होने दिया और सब कुछ तबाह कर चली गई। किसी को संभलने तक का मौका नहीं दिया। बाढ़ के पानी के आने की खबर से मची अफरा तफरी के बीच कई लोग अपनों को तलाश रहे हैं। बायसी, अमौर, बैसा एवं डगरूआ प्रखंड के गांवों में ध्वस्त आशियाने एवं बिखरे मलवे बाढ़ की तबाही की भयावहता की कहानी खुद ब खुद बयां कर रही है। अमौर के 70 वर्षीय महबूब आलम को बाढ़ के बाद इस बात की ¨चता सता रही है कि अब वे अपनी बेटी की शादी कैसे करेंगे। बेटी की शादी के लिए जमीन बेच कर रखे गये 80 हजार रुपये भी पानी के साथ बह गया। वे कहते हैं कि बाढ़ का पानी इतनी तेजी से आई की जान बचाना मुश्किल था। इस हालत में वे पैसे कहां से बचाते। महबूब आलम अकेला नहीं है बल्कि उनके जैसे कई हैं जिनकी वर्षो की कमाई अपने साथ बहा ले गई। बायसी के खपड़ा के सुनील यादव कहते हैं कि बेटे का दिल्ली में दाखिला कराने के लिए उन्होंने रिश्तेदारों से कर्ज लेकर दो लाख रुपये रखे थे। 16 अगस्त को वे अपने बेटे के दाखिले के लिए जाने वाले थे, लेकिन बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। अमौर के रहटिया की रहने वाली नाजरीना बाढ़ का नाम सुनते ही सिहर उठती है। बाढ़ की तेज धारा उसके गोद से छह माह के मासूम को बहा ले गई। अब भी वह बेसुध है। बाढ़ का पानी जैसे-जैसे उतर रहा है गांवों की तस्वीर अब सामने आने लगी है। ग्रामीण इलाके में पानी अभी पूरी तरह से नहीं उतरा है, लेकिन राहत मिली है। पानी उतरने के बाद बाढ़ के दौरान कई परिवार ने दो दिनों तक भूखे अपने छतों पर रहकर किसी तरह अपनी जान बचाई। बाढ़ का पानी उतरते ही जिला प्रशासन ने राहत कार्य को तेज कर दिया है। बाढ़ के दौरान एनएच 31 पर ध्वस्त पुल को बुधवार की शाम मरम्मत के बाद यातायात का संचालन शुरू कर दिया गया। पुल ध्वस्त होने के कारण पूर्णिया का बंगाल एवं किशवगंज से सड़क सम्पर्क भंग हो गया था।


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