45 करोड़ की मूर्ति बरामद
पूर्णिया[राजीव कुमार]। टीकापट्टी थाना क्षेत्र के लंकाटोल ठाकुरबाड़ी से चोरी गई 45 करो
पूर्णिया[राजीव कुमार]। टीकापट्टी थाना क्षेत्र के लंकाटोल ठाकुरबाड़ी से चोरी गई 45 करोड़ की अष्टधातु के मूर्ति को चोरों द्वारा नेपाल में बेचे जाने की योजना थी। नेपाल में मूर्ति तस्करों के हाथ बेचने के लिए ले जाते समय एसएसबी 41वीं बटालियन ने सिलीगुड़ी-किशनगंज मार्ग में एक मूर्ति चोर को मूर्ति के साथ दबोच लिया जबकि दूसरा भागने में सफल रहा। बरामद की गई अष्टधातु की मूर्ति पांच सौ वर्ष पुरानी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत 45 करोड़ आंकी जा रही है। मूर्ति 54 सेमी लंबी और 23 सेमी चौड़ी है तथा इसका वजन 24. 07 किलो है।
एसएसबी ने जिस मूर्ति चोर को गिरफ्तार किया है, वह पूर्णिया के बनियापट्टी का रहने वाला पुलकित ऋषि है। उसका फरार साथी शिवशंकर मेहता गोकुलपुर का रहने वाला है। पुलकित ऋषि ने खुलासा किया है कि वह मूर्ति को नेपाल के काठमांडू ले जा रहा था। वहां तस्करों से इसका सौदा होना था। पुलकित ऋषि ने बताया कि उसने अपने सहयोगी शिवशंकर मेहता के साथ मिलकर लंका टोला ठाकुरबाड़ी से 11 अप्रैल की रात अष्टधातु की चार मूर्तियां चोरी की थी। चोरी गई मूर्तियों में राम लक्ष्मण, सीता एवं हनुमान की मूर्ति थीं। एसएसबी ने जो अष्टधातु की मूर्ति बरामद की है वह लक्ष्मण की है। इसके अलावा तीन अन्य चोरी की मूर्तियां कहां हैं इसके लिए पुलकित ऋषि से पूछताछ की जा रही है। ठाकुरबाड़ी से मूर्ति चोरी की रैकी पुलकित ऋषि ने की थी। टीकापट्टी में उसका ससुराल रहने के कारण उसने आसानी से इस बात का पता लगा लिया कि अष्टधातु की मूर्ति वाले ठाकुरबाड़ी की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। पुलकित ऋषि ने बताया कि चोरी की घटना के बाद वे हर दिन मूर्ति को छिपाकर रखने के लिये ठिकाना बदलते रहे ताकि पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगे। इसके बाद जब पुलिस की कार्रवाई थोड़ी ढीली पड़ी तो उसे नेपाल तस्करों के पास पहुंचाने का फैसला किया। उत्तर बंगाल विश्वविद्यालय के अक्षय कुमार मैत्रय म्यूजियम ने जब्त अष्टधातु की मूर्ति को 16 वीं सदी की होने की बात बताई है।
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कोट
- पूर्णिया के टीकापट्टी ठाकुरबाड़ी से चोरी गई अष्टधातु की एक मूर्ति के साथ चोर को गिरफ्तार किया गया है, इस मूर्ति को नेपाल में बेचने के लिए ले जाया जा रहा था।
राजीव राणा, कंमाडेंट 41 वीं बटालियन एसएसबी