साढ़े तीन घंटे तक होटल में छापेमारी
पूर्णिया। हथियार तस्करों की टोह में पुलिस द्वारा टैक्सी स्टैंड रोड स्थित एक होटल में की गयी छापेमार
पूर्णिया। हथियार तस्करों की टोह में पुलिस द्वारा टैक्सी स्टैंड रोड स्थित एक होटल में की गयी छापेमारी ने सवाल खड़े कर दिये हैं। पुलिस ने इस होटल में हथियार तस्करों की खोज में साढ़े तीन घंटे तक छापेमारी की लेकिन पुलिस का कहना है कि होटल में छापेमारी के दौरान पुलिस को कुछ भी हाथ नहीं लगा। पुलिस इतना जरूर कहती है कि पकड़ में आये कटिहार के हथियार तस्कर विटू कुमार उर्फ प्रशांत कुमार द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर होटल के कमरा नंबर 108 में छापेमारी की गयी लेकिन वहां तीन लोगों से पूछताछ की गयी और फिर उनका जवाब संतोषजनक पाये जाने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। जिस होटल में पुलिस ने हथियार तस्करों की टोह में छापेमारी की उस होटल में कुल कमरों की संख्या महज 21 है। वहां हथियार तस्करों की टोह में सदर थाने के अलावा सहायक खजांची एवं अन्य कई थानों की पुलिस शामिल थी। अगर सबकुछ ठीकठाक था तो पुलिस को होटल में छापामारी करने तलाशी लेने एवं तीन युवकों से पूछताछ करने में साढ़े तीन घंटे क्यों लग गये। पुलिस ने हथियार तस्कर द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर होटल के कमरे में जिन युवकों से पूछताछ की उन्हें स्थानीय थाने तक ले जाकर पूछताछ करना मुनासिब क्यों नहीं समझा? जबकि छापामारी जिस होटल में हुई उसकी एवं थाने की दूरी महज एक हजार मीटर होगी। हथियार तस्कर बिट्टू द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर हथियार तस्कर गिरोह के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार करने की बजाय पुलिस ने अपना कीमती समय होटल के अंदर ही क्यों बिताया। ये कई सवाल है जिसका जवाब देने में पुलिस फिलहाल कन्नी काट रही है। सदर थाना के दमका क्षेत्र में स्थानीय लोगों ने जिस हथियार तस्कर बिट्टू को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया उसका एक साथी मौके का फायदा उठाकर भाग निकला। वह अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पुलिस इस मामले में भी कोई सीधा जवाब नहीं दे रही है। पुलिस के अनुसार बिट्टू मोटर साइकिल पर अकेले था जबकि स्थानीय लोग जिन्होंने हथियार के साथ बिट्टू को पकड़ पुलिस के हवाले किया उनके अनुसार मोटर साइकिल पर दो युवक सवार थे जिसमें एक बिट्टू को पकड़े जाने के बाद नहर का रास्ता पकड़ कर भाग निकला। बिट्टू ने पकड़ में आने के बाद सहायक खंजाची थाना के नाक के नीचे हथियार की तस्करी करने वाले गिरोह के एक सदस्य का नाम पुलिस को बताया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया मगर उसके यहां से पुलिस को कोई हथियार नहीं मिला। बताया जाता है कि हथियार तस्कर बिट्टू ने जिस युवक से हथियार खरीदे जाने की बात का खुलासा किया है और पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया है उसे अक्सर स्थानीय थाने में आते जाते देखा जाता था। स्थानीय लोगों का कहना था कि आखिर पुलिस को उस वक्त इसकी भनक क्यों नहीं लगती थी।
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पुलिस के हथियारों की जब्ती पर भी उठे सवाल
पुलिस द्वारा प्रशांत कुमरा बिटू एवं मो. जैन रजा को एक पिस्टल 7. 65 बोर का एवं एक कारतूस के साथ गिरफ्तार किया। वहीं इसके अलावा अभय कुमार शर्मा एवं अमित कुमार चौबे को दो रिवाल्वर .38 बोर का सात पीस कारतूस 7. 65 बोर का जब्त किया। सवाल उठता है कि जब हथियार तस्करों के पास रिवाल्वर .38 बोर का बरामद हुआ तो फिर कारतूस 7. 65 बोर का क्यों मिला। वहीं जब पिस्टल जिस अपराधी के पास से 7. 65 बोर का मिला तो उसके पास कारतूस केवल एक मिला इसी बोर का।