पशु अस्पताल पिछले एक साल से डॉक्टर के अभाव में बंद
पूर्णिया। रूपौली के दो पशु अस्पताल पिछले एक साल से चिकित्सकों के अभाव में बंद पडा हुआ है, जिससे यहां
पूर्णिया। रूपौली के दो पशु अस्पताल पिछले एक साल से चिकित्सकों के अभाव में बंद पडा हुआ है, जिससे यहां के पशु पालक किसानों को भारी मुसीबत का सामना करना पड रहा है । इस संबंध में बीडीओ विपीन कुमार ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है । यह बता दें कि मोहनपुर एवं बहदूरा में पहले एक चिकित्सक डॉ इन्तेखात आलम की पदस्थापना थी, परंतु लगभग एक साल पहले उनका स्थानांतरण हो गया है, इसके कारण ये अस्पताल बंद पडे हैं । अस्पतालों के बंद रहने के कारण यहां के मवेषी पालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है । एक तो उन्हें नीम-हकीम डॉक्टरों पर निर्भर रहना पड रहा है, तो दूसरी ओर उन्हें आर्थिक दोहन का भी सामना करना पड रहा है । यहां से रूपौली की दूरी लगभग बीस किलोमीटर है, जहां मवेषी लेकर जाना संभव नहीं हो पाता है । मजबूरीवस यहां के किसान स्थानीय चिकित्सकों के यहां अपना ईलाज करवाने को मजबूर हो जाते हैं । पिछले दिनों मोहनपुर क्षेत्र में भारी संख्या में बकरियों के मरने से यहां के किसान काफी परेषान दिखे । यहां उनकी मदद के लिए कोई नहीं आया, जबकि नीम-हकीम चिकित्सक उनका दोहन करते रहे । सबसे आश्चर्य बात कि यहां बिजली लोगों को बडी मुश्किल है तथा सरकार लोगों को बिजली बचाने के लिए लोगों से सहयोग की अपील करती है, परंतु मोहनपुर अस्पताल में चौबीसों घंटे बिजली के बल्बों का जलना साबित करता है कि सरकार ही इस ओर से लापरवाह ह । यहां के मदन कुमार, अरूण पासवान, गौतम कुमार गुप्ता आदि ने सराकर से मांग की है कि यहां के दोनों अस्पतालों में चिकित्सकों की पदस्थापना करे, ताकि यहां के मवेषी पालकों को राहत मिल सके । इधर बीडीओ विपीन कुमार ने बताया कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, वे इस संबंध में पता करेंगे ।