डेढ़ साल से नहीं हुई स्वास्थ्य समिति की बैठक
पूर्णिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कसबा में सोमवार को प्रसव कराने आई महिला की मौत के बाद हुए हंगामे
पूर्णिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कसबा में सोमवार को प्रसव कराने आई महिला की मौत के बाद हुए हंगामे ने एक साथ कई सवालों को जन्म दे दिया। जिनका जबाव न तो वरीय पदाधिकारियों के पास था और न ही रोगी कल्याण समिति के पास। सोमवार को हुए हंगामे के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे प्रखंड विकास पदाधिकारी लोकप्रकाश को स्थानीय जनता तथा इलाज कराने आए रोगियों ने अस्पताल की व्यस्थाओ की जानकारी देते हुए बताया कि रोगियों के कल्याण के लिए प्रखंड स्तर पर गठित रोगी कल्याण समिति की बैठक पिछले 18 महीनों से नहीं हो रही है।
ऐसे में अस्पताल में पदाथापित स्वाथ्यकर्मी, चिकित्सक अपनी मनमर्जी पर उतर आए हैं। प्रखंड विकास पदाधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जब प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से जानकारी लेने की कोशिश की तो चिकित्सा पदाधिकारी के अवकाश पर रहने के कारण कोई जानकारी नहीं मिल पाई। वहीं प्रखंड विकास पदाधिकारी ने आम लोगों को भरोसा देते हुए कहा कि जल्द ही रोगी कल्याण समिति की बैठक आयोजित करवाई जाएगी। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्वास्थ्य प्रबंधक अभिनाश कुमार से जब पूछा गया कि रोगी कल्याण समिति की अंतिम बैठक कब आयोजित हुई थी तो उसने बताया कि अंतिम बैठक 14 अगस्त 2015 को हुई थी। जबकि रोगी कल्याण समिति के सदस्य मो. तवरेज आलम ने स्वास्थ्य प्रबंधक अभिनाश कुमार के सामने ही बताया कि अंतिम बैठक 18 महीने पूर्व ही हुई है।
वहीं सबसे बड़ी आश्चर्य की बात ये रही कि जब इस मसले को लेकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुभाष चंद्र पासवान से दूरभाष पर बात की गई तो उसने बताया कि हमें नहीं पता कब से रोगी कल्याण समिति की बैठक नहीं हो रही है लेकिन नियमानुसार बैठक हर तीन महीने में होना जरूरी है। वहीं राजद नेता नवीन कुमार यादव ने इस मामले को लेकर सिविल सर्जन को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमें पुरानी रोगी कल्याण समिति को भंग कर नई समिति की गठन करना तथा सोमवार को हुई घटना में शामिल स्वाथ्यकर्मी को निलंबित करने की मांग की है।