फसलों की बुआई में किसानों को परेशानी
पूर्णिया। इस बार रबी फसलों की बुआई किसानों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। इसका वजह मिट्टी में नमी का
पूर्णिया। इस बार रबी फसलों की बुआई किसानों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। इसका वजह मिट्टी में नमी का अभाव, बाजार में उर्वरक व प्रमाणिक बीज की अनुपलब्धता बतायी जा रही है। हालांकि विभागीय अधिकारी मिट्टी में नमी की कमी को छोड़ अन्य समस्याओं की बात से इंकार कर रहे हैं।
क्या है समस्या : इस वर्ष पिछले तीन नक्षत्रों यथा कन्ना, चित्रा व हथिया में वर्षा नहीं हुई। कन्ना में नाम मात्र का वर्षा हुई भी तो उसका मिट्टी की नमी में कोई खास असर नहीं रहा। जिसके कारण मिट्टी में नमी का काफी अभाव है।
मिट्टी में नमी के अभाव के कारण किसान सीधे तौर पर रबी फसलों की बुआई नहीं कर पा रहे हैं। रबी फसल खासकर गेहूं की बुआई करने से पूर्व किसान खेत में पटवन करने के उपरांत बुआई करने को मजबूर हैं। जिसके कारण किसानों को बुआई के लिए अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है। किसानों की मानें तो खेत के पटवन में एक बीघा जमीन में करीब आठ घंटे तक पानी डालना पड़ता है। सरकारी नलकूप के अभाव में इसके लिए किसानों को प्रति घंटे 175 रूपए का वहन करना पड़ता है। जबकि चित्रा व हथिया नक्षत्र में यदि वर्षा होती, तो मिट्टी में नमी होती और किसान इस खर्च से बच सकते थे।
प्रमाणिक बीज का अभाव : किसानों की मानें तो बाजार में गेहूं सहित अन्य फसलों की प्रमाणिक बीज एवं उर्वरक उपलब्ध नहीं है। बदलपुरा निवासी किसान राम राघवेन्द्र देव उर्फ मुन्ना ने बताया कि बीज की बिक्री करने वाले दुकानदार भी बीजों की गारंटी लेने से हिचकते हैं। जिसके कारण किसानों के समक्ष परेशानी है। उन्होंने कहा कि प्रमाणिक बीज के अभाव में अन्य बीज लगाने व बीज जर्मिनेशन नहीं होने पर किसानों को पूरा खेत मारा जाएगा। किसानों की मानें तो बुआई के लिए आवश्यक उर्वरक यथा पोटाश, डीएपी व एनपीके किसानों को उचित कीमत पर नहीं मिल रहा है। इस कारण किसानों की परेशानी और भी बढ़ गई है। कहा कि गुणवत्तापूर्ण व उचित कीमत पर उर्वरक उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान अधिक कीमत पर उर्वरक खरीदने को विवश हैं।
तेलहन व दलहन की बुआई भी हुई है प्रभावित : किसानों के मुताबिक मिट्टी में नमी के अभाव व सरकारी स्तर पर बीज की कम उपलब्धता के कारण इस वर्ष तेलहन व दलहन की बुआई भी प्रभावित हुई है। बताया कि इस वर्ष अन्य वर्षों की तुलना में काफी कम तेलहन व दलहन फसलों की बुआई किसानों ने की है। कहा, जिन किसानों ने सोयाबीन की बुआई की थी, उन्हें एक बीघा जमीन में महज आठ मन सोयाबीन के उत्पादन से संतोष करना पड़ा है।
किसान राम प्रकाश ¨सह, मो. रज्जाक सहित अन्य किसानों ने सरकारी स्तर पर किसानों को मिलने वाली सहायता के अभाव का आरोप लगाया है। कहा है कि विभाग के स्तर पर दुकानों में बिक रही बीजों व उर्वरकों की प्रमाणिकता की गहनता से जांच नहीं की जा रही है। साथ ही उंची कीमत पर बेचे जा रहे बीज, उर्वरक व कीटनाशकों पर विभाग का नियंत्रण नहीं हो रहा है। जिसका खामियाजा अंतत: किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
मांग : किसानों ने जिला प्रशासन सहित कृषि विभाग के आला अधिकारियों से किसानों को प्रमाणिक बीज व उर्वरक उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही बीज, उर्वरक व कीटनाशक पर वसूले जा रहे अधिक कीमत पर रोक लगाने की मांग भी की है। किसानों ने लेट वेराइटी वाले गेहूं की बीज उपलब्ध कराने की मांग भी की है। ताकि किसान लेट वेराइटी के बीज की बुआई भी कर सकें।
क्या कहते है पदाधिकारी : प्रखंड कृषि पदाधिकरी राकेश मिश्र ने मिट्टी मे नमी की बात स्वीकारी पर प्रखंड मे प्रमाणिक बीच,उर्वरक तथा कीटनाशक उपलब्ध होने की बात कही।