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रहनुमा का बाट जोह रहा चचरी पुल

पूर्णिया। विश्व प्रसिद्ध कथाशिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा लिखी गई कहानी मारे गए गुलफाम पर आधारित फि

By Edited By: Published: Mon, 30 Nov 2015 10:00 PM (IST)Updated: Mon, 30 Nov 2015 10:00 PM (IST)
रहनुमा का बाट जोह रहा चचरी पुल

पूर्णिया। विश्व प्रसिद्ध कथाशिल्पी फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा लिखी गई कहानी मारे गए गुलफाम पर आधारित फिल्म तीसरी कसम के नायक राजकपूर एवं अभिनेत्री वाहिदा रहमान द्वारा सजनवां बैरी हो गए हमार गाना की शू¨टग जिस जगह पर की गई थी वह आज भी अपनी बदहाली पर रो रहा है। कसबा प्रखंड अंतर्गत लागन भंमरा पंचायत के फकरतकिया गांव में निर्मित चचरी पुल आज किसी रहनुमा का बाट जोह रहा है। कसबा तथा श्रीनगर को जोड़ने वाली सड़क पर फकरतकिया गांव के कजरी पुल नहीं रहने के कारण इस पंचायत के छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा ग्रहण करने से वंचित हैं। छात्राएं जान-जोखिम में डालकर साइकिल से इस चचरी पुल को पार कर 15 किमी. की दूरी तय कर कसबा या गढ़बनैली शिक्षा ग्रहण करने आती है। स्थिति बाढ़ के वक्त और भयावह हो जाती है जब नदी अपने ऊफान पर होती है। बताते चले कि आजादी के बाद से क्षेत्र की जनता मुखिया से लेकर सांसद तक सिर्फ चुनाव के समय आश्वासन का पुल बांधते सुनते है परंतु चुनाव के बाद सारे वादे भूल जाते हैं। किसान अपनी तैयार फसल को पुल के अभाव मंडी तक नहीं पहुंचा पाते हैं। जिस कारण बिचौलिया के हाथों औने-पौने दामों में अपनी फसल बेचने को मजबूर होना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी तब होती है जब गांव में कोई घटना हो जाए या प्रसव पीड़िता को अस्पताल ले जाना हो तो उसे सुबह का इंतजार करना पड़ता है। ग्रामीणों द्वारा चंदा इकट्ठा कर हर वर्ष बांस का पुल बनाया जाता है।


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