संशोधित खबर:: डीएम के निरीक्षण में खुली पोल, बच्चों के साथ शिक्षक भी गोल
पूर्णिया। पूर्णिया के जिलाधिकारी बाला मुरूग्न डी ने कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर विद्यालय में पा
पूर्णिया। पूर्णिया के जिलाधिकारी बाला मुरूग्न डी ने कई विद्यालयों का औचक निरीक्षण कर विद्यालय में पायी जाने वाली की कमियों के बारे में वहां पदस्थापित शिक्षकों की जमकर क्लास लगाई। जिलाधिकारी द्वारा के. नगर प्रखंड के आधे दर्जन विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया गया। इस दौरान विद्यालयों में बच्चों की काफी कम उपस्थिति देखकर जिलाधिकारी दंग रह गये। जिलाधिकारी ने बच्चों की कम उपस्थिति के बारे में विद्यालय में उपस्थित शिक्षकों से भी पूछा लेकिन कोई इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाये। जिलाधिकारी अचानक विद्यालयों का हाल जानने के लिये वहां पहुंचे थे लेकिन जिन विद्यालयों में डीएम गये वहां दो विद्यालयों में चावल के अभाव में बच्चों को परोसा जाने वाला मध्यह्न भोजन बंद था। जबकि एक विद्यालय में बच्चों के लिये पकाये गये भोजन को डीएम ने खुद खाकर देखा और उसकी गुणवत्ता में और सुधार लाने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी विद्यालयों का हाल जानने के लिये पहले के. नगर प्रखंड के मध्य विद्यालय रामपुर मिलिक पहुंचे। सि विद्यालय में दस शिक्षक पदस्थापित है लेकिन जब जांच के लिये जिलाधिकारी पहुंचे तो विद्यालय में महज छह शिक्षक की उपस्थित थे। चार शिक्षकों के बारे में बताया गया कि वे अवकाश पर है। इस विद्यालय में कुल नामाकित बच्चों की संख्या 726 है लेकिन दिन के 11.30 बजे जब जिलाधिकारी इस विद्यालय में पहुंचे तो महज 87 स्कूली छात्र ही विद्यालय में उपस्थित थे। यहां पूछने पर जिलाधिकारी को बताया गया कि अक्तूबर से ही चावल के अभाव में बच्चों का मध्याह्ण भोजन बंद है। विद्यालय का रंग रोगन कराने का निदेर्श मिलने के बाद भी नहीं कराये जाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई और विद्यालय प्रधान को तत्काल इसे कराने का निर्देश दिया। इसके अलावा विद्यालय में साफ सफाई की स्थिति भी निरीक्षण में संतोषजनक नहीं पायी गयी। डीएम ने इस विद्यालय में खुद बच्चों की कक्षाओं में जाकर उनसे जाना कि विद्यालय आने वाले शिक्षक उन्हें क्या पढ़ाते हैं और उन्हें किस तरह की समस्या होती है। इसके बाद जिलाधिकारी वहां के आंगनबाड़ी केन्द्र भी गये जहां 40 बच्चों में से केन्द्र पर महज 21 बच्चे ही उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने केन्द्र पर मौजूद सेविका सबीना खातून एवं सहायिका सुनीता देवी से बच्चों का ग्रोथ चार्ट मांगा लेकिन उनके पास यह चार्ट नहीं था। इसके अलावा आंगनबाड़ी केन्द्र पर मीनू भी नहीं टंगा था। जांच में पाया गया कि यहां 15.10.2015 को 56 लोगों के बीच टीएचआर का वितरण किया गया है। इसके बाद जिलाधिकारी मध्य विद्यालय जगनी पूरब गये। इस विद्यालय में 141 बच्चे नामांकित हैं लेकिन निरीक्षण के समय महज 23 बच्चों की ही उपस्थिति पंजी में बनी हुई थी। जबकि विद्यालय में महज 42 छात्र ही उपस्थित थे। इस विद्यालय में तीन शिक्षक है लेकिन निरीक्षण के समय सभी तीनों मौजूद थे। यहां एमडीएम का खाना बना हुआ था जिसे जिलाधिकारी ने खुद खाकर देखा। यहां भंडार एवं भंडार पंजी में जांच के दौरान अंतर पाया गया। पंजी में स्टाक में 3.54 क्विटंल चावल मौजूद था जबकि भंडार में पांच क्विटल चावल था। इस संबंध में उस विद्यालय की प्रधान कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पायी। जिलाधिकारी ने सात दिनों के अंदर विद्यालय प्रधान को पूरी व्यवस्था में तत्काल सुधार लाने का निर्देश दिया। इसके बाद जिलाधिकारी मध्य विद्यालय प्रसादपुर गये जहां विद्यालय में 480 बच्चे नामांकित थे लेकिन विद्यालय में महज 77 स्कूली छात्र उपस्थित पाये गये। यहां भी कई समस्याओं को जिलाधिकारी ने तत्काल दूर करने का निर्देश दिया। इसके बाद जिलाधिकारी का काफिला मध्य विद्यालय रामपुर गया जहां 326 बच्चे नामांकित है लेकिन 70 स्कूली छात्र ही वहां उपस्थित थे।
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विद्यालयों के निरीक्षण का सिलसिला जारी रहेगा: डीएम
पूर्णिया: जिलाधिकारी ने बताया कि शिक्षा व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिये विद्यालयों के औचक निरीक्षण का सिलसिला लगातार जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि जिन विद्यालयों का निरीक्षण उनके द्वारा किया गया है वहां के विद्यालय प्रधान एवं शिक्षा विभाग क पदाधिकारियों को स्थिति में सुधार के लिये सात दिनों का समय देते हुए आवश्यक निर्देश दिया गया है। हर विद्यालय प्रधान को माह के बीस तारीख को अपने विद्यालय में छात्रों के अभिभावकों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया है ताकि अधिक से अधिक छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके।