युवा महोत्सव का आयोजन नहीं होने से कलाकार निराश
पूर्णिया। कला और कलाकार को मंच और अवसर की तलाश रहती है। विभिन्न विधा में कलाकारों के लिए राष्ट्रीय य
पूर्णिया। कला और कलाकार को मंच और अवसर की तलाश रहती है। विभिन्न विधा में कलाकारों के लिए राष्ट्रीय युवा महोत्सव तक पहुंचने के लिए और वहां बेहतर प्रदर्शन कर पुरस्कार जीतने का सुनहरा अवसर होता है। युवा कलाकारों के लिए राष्ट्रीय युवा महोत्सव आगे बढ़ने के लिए विश्वसनीय और विशाल मंच होता है। लेकिन इससे पहले सभी युवाओं को पहले जिला स्तर और फिर राज्य स्तर में होने वाले युवा महोत्सव में हिस्सा लेना होता और वहां चयनित होने के बाद वे राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचते हैं। राज्य युवा महोत्सव का आयोजन दिसम्बर में दरभंगा होने जा रहा है। राज्य स्तर से पहले प्रशासन द्वारा जिला स्तर पर यह आयोजन करवाया जाता है और यहां चयनित कलाकार आगे के हिस्सेदारी करते हैं। प्रत्येक साल अगस्त महीने में जिला खेल महोत्सव का आयोजन होता है लेकिन इस बार अबतक चुनाव के कारण इसे स्थगित रखा गया था। प्रशासन की उदासीनता के कारण अबतक इसका आयोजन जिले में नहीं हो पाया है जिससे यहां कलाकारों में घोर निराशा है। पूर्णिया जिले के कलाकारों का प्रदर्शन के इतिहास पर नजर डाले तो साफ है कि यहां के कलाकारों ने काफी उच्च दर्जे का प्रदर्शन किया है लेकिन इस बार अगर आयोजन जिला स्तर पर नहीं होता है तो यहां कलाकार वंचित रह सकते हैं।
कितने विभागों में होती प्रतियोगिता
नाटक, समूह लोकगीत, समूह लोकनृत्य, एकल लोकनृत्य, एकल लोकगीत, लोक गाथा, तबला वादन, कत्थक, भरत नाट्यम,
चक्षुष कला के अंतर्गत चित्रकला, हस्तकला, मूर्तिकला, शिल्पकला के क्षेत्र में पूर्णिया के करीब तीन सौ कलाकार हिस्सा लेते हैं और यहां लगभग प्रत्येक साल ना केवल राज्य स्तर पर कलाकारों की भागीदारी होती है बल्कि नेशनल यूथ फेस्टिवल में भी प्रत्येक साल पूर्णिया जिला से भागीदारी हुई है और वहां यहां के कलाकार पुरस्कृत भी हुए हैं। ऐसे उभरते हुए कलाकारों के लिए किसी सदमे से कम नहीं होगा कि इस साल यह आयोजन पूर्णिया जिले में नहीं आयोजित होगा।
जिले के कलाकारों की क्या है राय
युवा कलाकार जो पहले भी इस तरह के कला महोत्सव में हिस्सा ले चुके हैं। उनकी राय में भी युवा महोत्सव का नहीं होना खेदजनक है। इससे कलाकारों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा। कला भवन नाट्य विभाग से जुड़े युवा कलाकार अंजनी श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्णिया जिले का कला क्षेत्र में अपना पहचान रहा है। समूह नाटक, समूह लोकगीत समेत विभिन्न विधा में प्रत्येक वर्ष यहां के कलाकारों को उच्च स्थान प्राप्त होता रहा है। ऐसे में पूर्णिया में जिला स्तरीय युवा उत्सव का नहीं होना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे प्रतिभा को आगे बढ़ने का मौका मिलता है। आयोजन नहीं होने से कलाकारों के उत्साह में भी कमी आयेगी। यह प्रशासन की घोर उदासीनता है। वहीं युवा कलाकार शिल्पी चक्रवर्ती जो सुगम संगीत की गायिका है और पहले भी इस तरह के मंच पर हिस्सेदारी कर चुकी है उनका कहना है कि इस तरह का आयोजन युवा प्रतिभा को आगे बढ़ने के लिए बेहतर मंच मुहैया कराता है। उन्होने कहा कि प्रशासन द्वारा आयोजित इस तरह के आयोजन जरुर किया जाना चाहिए अगर संभव हो तो अभी भी प्रशासन इस ओर ध्यान दे ताकि यहां के कलाकार वंचित नहीं रहें। राष्ट्रीय यूथ फेस्टिवल में पुरस्कृत कुमारी चांदनी का कहना है निश्चित रुप से यह अफसोसजनक है कि इस बार जिला स्तर पर यह आयोजन नहीं हो पा रहा है। जिला प्रशासन को कलाकारों के प्रति जागरुक होना चाहिए क्योंकि इसका आयोजन तो प्रशासन ही कराता है। प्रतिभावान कलाकारों के लिए यह काफी अच्छा अवसर होता है। इससे पूर्व पूर्णिया के कलाकारों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायी है। वहीं राष्ट्रीय स्तर के रंगकर्मी अखिलेश अखिल ने भी कहा कि युवा कलाकार को अगर इस तरह वंचित होना पड़ा तो यहां की कला कुंठित हो जायेगी। जिला स्तर पर सोलह विधा में तीन सौ युवा कलाकार हिस्सा लेते है जो कलाकारों के लिए अच्छा मौका होता है। साथ ही प्रशासन को चाहिए कि जिला में नियमित आयोजन हो लेकिन प्रखंड के कलाकार भी अधिक से अधिक हिस्सा ले सकें इस ओर भी सोचने की जरुरत है।
सक्रिय संस्था और पूर्व का समृद्ध इतिहास
पूर्णिया में काल भवन नाट्य विभाग, रेणु सास्कृतिक मंच, सुधांशु लोककला मंच, सृजन लोककला मंडलम, पूर्णिया महिला कॉलेज, कसम कसबा कला मंच आदि मंच के कलाकार जिले में लगातार कला और सांस्कृतिक गतिविधि से जुड़े रहते हैं। इन कलाकारों ने पूर्णिया और राज्य का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। 2012 में कला भवन नाट्य विभाग ने नेशनल यूथ फेस्टिवल हिस्सेदारी किया। कुमारी चांदनी अपनी टीम के साथ लुधियाना में आयोजित नेशनल यूथ फेस्टिवल 2013 में गोदना गायन शैली में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। वहीं 2014 में कसम कसबा सांस्कृतिक मंच ने नेशनल यूथ फेस्टिवल में हिस्सेदारी की थी। प्रत्येक साल जिले से राज्य के अलावा राष्ट्रीय स्तर तक पूर्णिया की हिस्सेदारी रही ऐसे में इस बार यहां कलाकार प्रशासन की उदासीनता की वजह से वंचित हो सकते हैं।
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बाक्स के लिए
चुनाव के कारण इसे टाल दिया गया था लेकिन अब राज्य स्तर पर आयोजित होने से पहले ही जिला स्तर पर यूथ फेस्टिवल का आयोजन किया जायेगा। यहां के कलाकार का समृद्ध इतिहास रहा है इस बार भी उन्हे इस मौके से वंचित नहीं होना पड़ेगा।
सत्येन्द्र कुमार ¨सह, वरीय उपसमाहर्ता, जिला सामान्य प्रशाखा विभाग