11.36 से 12.24 तक है कलश स्थापना का शुभ मुहुर्त
पूर्णिया। आचार्य धर्मेंद्र नाथ शास्त्री बताते हैं कि शारदीय नवरात्र मंगलवार को कलशस्थापन के साथ प्रा
पूर्णिया। आचार्य धर्मेंद्र नाथ शास्त्री बताते हैं कि शारदीय नवरात्र मंगलवार को कलशस्थापन के साथ प्रारंभ होगा। पहले दिन माता की पूजा शैलपुत्री के रूप में की जाएगी। शास्त्रों के मुताबिक नवरात्र का आरंभ मंगलवार को हो तो जगजननी का आगमन अश्व पर प्रस्थान नर वाहन पर होगा। प्रतिपदा यदि चित्रा नक्षत्र और वैधृति योग में युक्त हो तो शास्त्रों में कलश स्थापन निषेध माना गया है। ¨कतु ऐसा वचन भविष्य पुराण में मिलता है। परंतु रूद्रयामल में इसका परिहार है कि अभिजित मुहुर्त में कलश स्थापन करने से सारे दोष नष्ट हो जाते हैं और अभिजित मुहुर्त 11.36 से 12.24 तक है। इसी मध्य कलश स्थापन करना शास्त्रोचित है। आचार्य ने बताया कि वैसे तो नवरात्र पूर्णत: नौ दिन का है लेकिन तिथि वृद्धि के कारण अष्टमी और नवमी व्रत का मान एक ही दिन 21 अक्टूबर बुधवार को है। नवरात्र व्रत और पाठ करने वाले होमादि कार्य इसी दिन प्रात: 9.41 बजे के बाद करेंगे। नवरात्र व्रत का पारण 22 अक्टूबर गुरूवार को प्रात: 7.11 के उपरांत भगवती विसर्जन और जयंती ग्रहण के उपरांत होगा।