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सरकारी आदेश फेल, शिक्षा विभाग में चल रहा प्रतिनियोजन का खेल

पूर्णिया। हाई कोर्ट एवं प्रधान सचिव के निर्देश को जिले का शिक्षा विभाग ठेंगा दिखा रहा है। प्रधान सचि

By Edited By: Published: Wed, 02 Sep 2015 08:28 PM (IST)Updated: Wed, 02 Sep 2015 08:28 PM (IST)
सरकारी आदेश फेल, शिक्षा विभाग में चल रहा प्रतिनियोजन का खेल

पूर्णिया। हाई कोर्ट एवं प्रधान सचिव के निर्देश को जिले का शिक्षा विभाग ठेंगा दिखा रहा है। प्रधान सचिव द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए जाने के बाद भी जिले में शिक्षकों के प्रतिनियोजन का खेल जारी है। प्रधान सचिव के पत्र के आलोक में जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को प्रतिनियोजित शिक्षकों को उनके मूल विद्यालयों में वापस करने का निर्देश दिया है बावजूद सैकड़ों शिक्षक आज भी प्रतिनियोजन पर मजे से जमे हैं और विभाग मूक दर्शक बना हुआ है। हाइ कोर्ट ने नियमित शिक्षकों को विद्यालय का प्रधान बनाये जाने का आदेश दिया है लेकिन यहां बीकोठी प्रखंड सहित कई अन्य प्रखंउों में नियमित शिक्षकों के रहते नियोजित शिक्षक को प्रधान बनाया गया है। उच्च न्यायालय एवं सरकार के आदेश के बावजूद जिले के शिक्षा विभाग में मनमानी जारी है।

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शिक्षकों का प्रतिनियोजन प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों के लिए कामधेनु बनी हुई है। पैसे, पहुंच और भाइ-भतीजावाद के तहत शिक्षकों को मूल विद्यालय से हटाकर उनके मनचाहे विद्यालय में प्रतिनियोजित कर दिया गया है। जिस कारण किसी विद्यालय में शिक्षकों की भरमार है तो कहीं शिक्षकों के अभाव में पढ़ाई बाधित है। जिले के प्राय: सभी प्रखंडों में प्रतिनियोजन का खेल जारी है। इतना ही नहीं हाई कोर्ट के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए नियमित की जगह नियोजित को विद्यालय प्रधान बना कर रखा गया है। बीकोठी प्रखंड अंतर्गत मवि सहसौल में नियमित शिक्षक को हटाकर नियोजित शिक्षक को प्रभारी प्रधान बना दिया गया। उसी प्रखंड में मवि दरगाहा में भी नियमित शिक्षक को हटाकर नियोजित शिक्षक को प्रभार दे दिया गया। उसी प्रखंड के प्रावि खूटघाट में सीनियर शिक्षक के रहते मनोज मंडल नामक शिक्षक को वहां प्रतिनियोजित कराकर उसे प्रभार दिला दिया गया। प्रावि देवरीघाट में भी सीनियर शिक्षक के रहते जूनियर को प्रधान बना दिया गया। डगरूआ प्रखंड में भी नियमित शिक्षकों के रहते नियोजित शिक्षक विद्यालय प्रधान बने हुए हैं। मवि सियारखम में भी नियमित शिक्षक के रहते नियोजित शिक्षक को प्रधान बनाया गया है। मवि चोपड़ा बलुआ में भी नियमित के रहते नियोजित प्रधान बने हुए हैं। जबकि धमदाहा, बीकोठी, पूर्णिया पूर्व, बनमनखी आदि प्रखंडों में भी मनमाने ढंग से शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया गया है जो प्रधान सचिव के आदेश का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है।

बनमनखी अनुमंडल क्षेत्र के लगभग तीन दर्जन शिक्षक

विभिन्न विद्यालयों एवं कार्यालयों में लंबे समय से प्रतिनियुक्त हैं।विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, अनुमंडल क्षेत्र के कुल तीस शिक्षक अपने मूल विद्यालय को छोड़ अपनी सुविधानुसार विभिन्न विद्यालयों एवं कार्यालयों में प्रतिनियुक्त हैं। पांच शिक्षक प्रखंड कार्यालय में, चार शिक्षक बीआरसी में स्थायी रूप से प्रतिनियोजित हैं। 185शिक्षक अपने विद्यालय को छोड़ बीएलओ के दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। ये सभी अपने विद्यालय के शिक्षण कार्य का दायित्व नहीं निभाते हैं । ये सभी प्रतिनियोजित शिक्षक प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एवं अन्य विभागीय पदाधिकारी के आदेश से अन्यत्र प्रतिनियोजित हुए हैं। कई ऐसे भी शिक्षक हैं जो दूर ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थापित हैं तथा अपनी सुविधा अनुसार सरकारी कार्यालयों या नजदीकी विद्यालय में अपना प्रतिनियोजन करवाकर अपना निजी कार्य संपादित करने में लगे हैं। बीएलओ के कार्य में लगे शिक्षको को भी शिक्षण कार्य संपादित करने के पश्चात बीएलओ के दायित्व का निर्वहन करना है। परन्तु ऐसा नहीं किया जा रहा है। सरकार के स्पष्ट निर्देश के वाबजूद आज भी धड़ल्ले से शिक्षक अपनी सुविधानुसार विभिन्न विद्यालयों एवं कार्यालयों में प्रतिनियोजित हैं। धमदाहा का शिक्षा विभाग प्रतिनियुक्ति को लेकर पिछले कई वर्षों से काफी चर्चा में रहा है। यहां पर सारे नियमों को ताक पर रखकर जमकर प्रतिनियुक्ति का खेल खेला गया। पिछले 4 वर्षों में

शिक्षा विभाग द्वारा सैंकड़ो शिक्षकों का प्रतिनियोजन किया गया जिसमें अधिकतर मामलों में प्रतिनियोजन का कारण शिक्षा के स्तर को सुधारना नहीं बल्कि निजी कारण है। इस दौरान कई शिक्षक पसंदीदा विद्यालयों में अपना प्रतिनियोजन करवाया तो कई अपना प्रतिनियोजन कराकर विद्यालय प्रधान भी बन गये। जिस कारण पहले

से ही बीमार चल रही सरकारी शिक्षा व्यवस्था और भी बीमार होती चली गयी। इस खेल में शिक्षा विभाग के प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी के अलावा बीआरसी कार्यालय के कर्मी एवं कुछ रसूखदार शिक्षकों समेत कुछ सफेद्पोश नेताओं की भी अहम् भूमिका रही है। इस दौरान कई विद्यालय प्रधानों को बिना किसी ठोस आधार के उनके पद से हटाकर किसी अन्य विद्यालय के शिक्षक को प्रतिनियुक्त कर उन्हें प्रभार दे दिया गया। ऐसे मामले भी हैं जहां शिक्षक को उसके मूल विद्यालय से हटाकर दूसरे विद्यालय में प्रतिनियुक्त किया गया फिर दो महीने बाद उसे पुन: मूल विद्यालय में भेज दिया गया। ऐसे भी मामले सामने आये जहां प्रतिनियुक्ति पर 5 से 6 शिक्षकों को भेज दिया गया जबकि कई विद्यालयों को मात्र एक शिक्षक के भरोसे छोड़ दिया गया। वर्तमान समय में धमदाहा प्रखंड से 100 से भी ज्यादा शिक्षक प्रतिनियुक्ति पर हैं जिसमें से मध्य विद्यालय धमदाहा हाट से ही चार

शिक्षकों को प्रतिनियुक्त कर अन्य विद्यालयों में भेज दिया गया है। जिस कारण इस विद्यालय का पठन पाठन बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। अब देखना है कि सरकारी आदेश की उड़ायी जा रही इस खिल्ली पर आला अधिकारी क्या रूख अख्तियार करते हैं।

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कोट के लिए

-प्रधान सचिव ने विभिन्न विद्यालयों में प्रतिनियोजन पर जमे शिक्षकों को उनके मूल विद्यालयों में पदस्थापन का निर्देश दिया है। प्रधान सचिव के आदेश के आलोक में सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर एक शिक्षकीय स्कूलों को छोड़कर सभी प्रतिनियोजित शिक्षकों को उनके मूल विद्यालयों में वापस करने का निर्देश दिया गया है। जिन बीइओ ने उक्त आदेश का अनुपालन नहीं किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

मंसूर आलम, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्णिया।


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