करोड़ों खर्च के बावजूद किसानों को नहीं मिल रहा लाभ
पूर्णिया। जहां एक तरफ सूबे की सरकार कृषि विकास के लिए लाखों-करोड़ों खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर कृषि
पूर्णिया। जहां एक तरफ सूबे की सरकार कृषि विकास के लिए लाखों-करोड़ों खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर कृषि विभाग के उदासीनता के कारण कसबा प्रखंड के किसानों को सही समय पर सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। वहीं लाखों रूपए की लागत से कृषकों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बना मिट्टी जांच केंद्र, पौधा संरक्षण कक्ष सहित माली शेड हमेशा बंद ही मिलता है। किसान अपने खेतों की मिट्टी जांच कराने के लिए कृषि विभाग में पदस्थापित बाबूओं की जी हुजूरी लगानी पड़ती है। तब कहीं जाकर पूर्णिया में मिट्टी जांच करवाई जाती है। वहीं पौधा संरक्षण बंद रहने के कारण वन पालकों को खासी दिक्कतों से दो-चार होना पड़ता है। वन पालक किसानों का कहना है कि प्राय: पौधे की संरक्षण की जानकारी लेने कृषि विभाग के पौधा संरक्षण केंद्र पहुंचते हैं तो प्राय: बंद ही रहता है। वहीं प्रखंड कृषि पदाधिकारी राकेश मिश्र का कहना है कि मिट्टी जांच केंद्र में मिट्टी जांच का काम शुरू नहीं हो पाया है। जिला द्वारा आदेश मिलने पर ही जांच का काम शुरू किया जाएगा। वहीं पौधा संरक्षण केंद्र की निगरानी जिला पौधा संरक्षण कार्यालय के अधीन है। वहीं लाखों रूपए की लागत से प्रखंड कार्यालय परिसर में निर्मित माली शेड जंगल में तब्दील हो गई है। शेड तो है पर माली नहीं है। पर्याप्त जगह भी किंतु पौधा नहीं है। सिंचाई केलिए बोरिंग के पाईप गाड़े गए हैं किंतु बोरिंग है ही नहीं। वैसे भी इन सवालों के जबाव भी किसी पदाधिकारी से नहीं मिला कि माली शेड किस विभाग के अंतर्गत आता है।