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प्यास बुझाने के नाम पर पैसे की बर्बादी

पूर्णिया। प्रखंड क्षेत्र के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए राशि

By Edited By: Published: Thu, 04 Jun 2015 02:11 AM (IST)Updated: Thu, 04 Jun 2015 02:11 AM (IST)
प्यास बुझाने के नाम पर पैसे की बर्बादी

पूर्णिया। प्रखंड क्षेत्र के विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए राशि खर्च कर स्कूलों में चापाकल लगवाया गया। लेकिन क्षेत्र के लगभग 66 विद्यालयों में लगे टेराफिल्टर चापाकल बेकार पड़े हुए हैं और बच्चे प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं। पीएचईडी की यह योजना फ्लॉप साबित हुई। इस योजना से स्कूली बच्चों की तो प्यास बुझी नहीं लेकिन इसको लगाने वाले लोग जरूर मालामाल हो गए। वहीं लोगों के बीच वितरण करने के लिए वित्तीय वर्ष 2011-12 बीआरजीएफ मद की राशि से 153 चापाकल 3799 रूपए प्रति चापाकल की दर से खरीद किया गया है जो एकदम घटिया किस्म का है। पंसस अरूण शर्मा, पूर्व उप प्रमुख मो. जैनउद्दीन ने बताया कि यह चापाकल लोगों को 6 माह भी पेयजल उपलब्ध नहीं करा सका। घटिया किस्म के टेराफिल्टर चापाकल लगाकर अच्छी कमाई की गई।


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