किसान सलाहकार भी गये हड़ताल पर
पूर्णिया, जासं.: शिक्षकों की हड़ताल अभी पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुई है कि किसान सलाहकारों ने भी हड़ताल
पूर्णिया, जासं.: शिक्षकों की हड़ताल अभी पूरी तरह समाप्त भी नहीं हुई है कि किसान सलाहकारों ने भी हड़ताल पर जाने की घोषणा कर दी है। पूर्व में सरकार द्वारा किए गए वादे पूरा नहीं करने के विरोध में सूबे के सभी किसान सलाहकारों ने अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने की घोषणा कर सरकार के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है।
सरकार की वादा खिलाफी के विरोध में प्रदेश किसान सलाहकार संघ के आह्वान पर राज्य के सभी कृषक सलाहकार 22 मई से मांग पूरी होने तक हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया हे। किसान सलाहकारों का कहना है कि गत 31 अक्टूबर से अपनी मांगों के समर्थन में सलाहकारों ने अनिश्चित कालीन आमरण अनशन शुरू किया था। अनशन के कारण करीब एक दर्जन सलाहकारों की स्थिति बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बाद सरकार ने गत 5 नवंबर को सलाहकार संघ के साथ समझौता वार्ता किया तथा सभी सलाहकारों को भीएलडब्लू अथवा भीईडब्लू में समायोजन कर नियुक्ति करने का आश्वासन दिया था। इसके लिए सरकार ने दो माह का समय लिया था। लेकिन आज तक इस दिशा में सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है जिस कारण किसान सलाहकारों ने 22 मई से पुन: अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। साथ ही इस दौरान कुछ सलाहकार पटना में आमरण अनशन पर भी बैठेंगे। हड़ताल पर जाने संबंधी लिखित सूचना सभी सलाहकारों ने जिला कृषि पदाधिकारी को दे दी है। ज्ञात हो कि जिले में पिछले दिनों आए तूफान में जान-माल सहित फसल की भारी बर्बादी हुई है। फसल क्षति का आकलन अभी तक पूरा नहीं हो पाया है जिसमें किसान सलाहकारों की बड़ी भूमिका है। लेकिन उनके हड़ताल पर चले जाने से फसल बर्बादी सर्वेक्षण सहित मुआवजा राशि वितरण में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। जिला कृषि पदाधिकारी को सौंपे गये ज्ञापन में संघ के जिलाध्यक्ष संजीव कुमार, मनोज कुमार सिंह, रोहित कुमार, संतोष कुमार दिवाकर, शंकर यादव सहित तीन दर्जन से अधिक सलाहकारों के हस्ताक्षर शामिल हैं।