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लीड:मरीज की मौत पर हुए हंगामा के मामले दर्ज हुई अलग-अलग प्राथमिकी

पूर्णिया, जागरण संवाददाता : लाइन बाजार स्थित हार्ट केयर सेंटर में भर्ती मरीज नूरजहां की मौत को लेकर

By Edited By: Published: Thu, 16 Apr 2015 06:53 PM (IST)Updated: Thu, 16 Apr 2015 06:53 PM (IST)
लीड:मरीज की मौत पर हुए हंगामा के मामले दर्ज हुई अलग-अलग प्राथमिकी

पूर्णिया, जागरण संवाददाता : लाइन बाजार स्थित हार्ट केयर सेंटर में भर्ती मरीज नूरजहां की मौत को लेकर हुए हंगामा के मामले में स्थानीय के हाट थाना में गुरूवार को दोनों पक्षों द्वारा अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। डाक्टर विनोद धारेवा ने जहां मरीज के परिजनों पर बीस लाख रंगदारी मांगने के साथ-साथ निशाना साध कर फाय¨रग करने की शिकायत दर्ज कराई है। वहीं मरीज के पुत्र हैदर अली ने चिकित्सक पर सोने का चेन व मोबाइल लूटने का आरोप लगाया है।

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स्थानीय मधुबनी टीओपी के मौलवी टोला निवासी नूरजहां हृदयरोगी थी। बुधवार की शाम उसे इलाज के लिए डाक्टर विनोद धारेवा के क्लीनिक में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान गुरूवार की सुबह को उसकी मौत हो गई। मौत के बाद मृतक के परिजनों द्वारा क्लीनिक में तोड़फोड़ व मारपीट कर हंगामा शुरू कर दिया गया। हंगामा के बाद दोनों पक्षों के लोग स्थानीय के हाट थाना पहुंच कर अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज कराई है। इधर डाक्टर विनोद धारेवा द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि नूरजहां को गंभीर स्थिति में बुधवार की शाम भर्ती कराया गया। मरीज की हालत के बारे में परिजनों को सारी बात बता दी गई। गुरूवार की सुबह जब उसकी मौत हो गई तो उसके परिजनों द्वारा लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा कर बीस लाख की रंगदारी की मांग की जाने लगी। इस दौरान क्लीनिक के कर्मियों के साथ मारपीट शुरू कर दिया गया। क्लीनिक में लगे उपकरणों को तोड़ दिया गया। जब डाक्टर विनोद धारेवा पहुंचे तो उसके साथ मारपीट करने लगे और मृतक के दामाद द्वारा पिस्तौल निकालकर फायर कर दिया जिसमें वे बाल-बाल बचे। उसके बाद बीस लाख रूपया रंगदारी देने की मांग पर अड़ गए और हंगामा करने लगे। वहीं मृतक नूरजहां के पुत्र हैदर अली द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है डाक्टर विनोद धारेवा की लापरवाही के कारण उसकी मां की मौत हो गई। धड़कन तेज होने के कारण जब उसके क्लीनिक में भर्ती कराया गया तो इलाज ही गलत कर दिया गया जिस कारण उसकी हालत बिगड़ने लगी। डाक्टर द्वारा जब आक्सीजन लगाने की बात कही गई तो उसमें काफी विलंब कर दिया गया जिस कारण उसकी मौत हो गई। जब डा धरेवा से आक्सीजन के बारे में पूछा गया तो वे आक्रोशित हो गए। इस दौरान डाक्टर व उनके कर्मियों ने मिलकर क्लीनिक में सभी को बंद कर दिया और लाठी डंडा से मारपीट करने लगे। इस दौरान परिवार के एक सदस्य का सिर फट गया। डॉ धारेवा पर आरोप लगाया गया कि मृतक की पतोहू के गले से सोने का चेन लूट लिया जबकि उसके कंपाउंडर द्वारा दो मोबाइल छिन लिया गया है।


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