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जीवन में शांति के लिए सत्संग अनिवार्य : सत्यानंद महाराज

भवानीपुर (पूर्णिया), संस : संतमत के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी सत्यानंद जी महाराज का मुख्यालय अव

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 09:03 PM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 09:03 PM (IST)
जीवन में शांति के लिए सत्संग अनिवार्य : सत्यानंद महाराज

भवानीपुर (पूर्णिया), संस : संतमत के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता स्वामी सत्यानंद जी महाराज का मुख्यालय अवस्थित सत्संग आश्रम में दो दिवसीय सत्संग व प्रवचन का कार्यक्रम संपन्न हो गया।

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दो दिवसीय सत्संग के समापन सत्र को संबोधित करते हुए सत्यानंद महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि ईश्वर की प्राप्ति बिन गुरू असंभव है। क्योंकि गुरू ही ईश्वर की प्राप्ति का मार्ग बताते हैं। यह रंग-बिरंगी दुनिया मायावी और क्षण भंगुर है। तथापि मनुष्य इस मायावी दुनिया के पीछे भागता है। स्वामी ने कहा कि सुख के खातिर मनुष्य क्यों न भौतिक साधनों का कुबेर इकट्ठा कर ले सुख की प्राप्ति असंभव है। सच्चा सुख ईश्वर की प्राप्ति के बिना असंभव है। बाबा ने कहा कि नशा व मांस का सेवन करने वाला मनुष्य मानवीय गुण से संपन्न नहीं होता वरन पशु गुण से युक्त होता है और वह हिंसा, व्यभिचार में सदैव लिप्त रहता है। सच्चा सुख व शांति पाने के लिए मनुष्य को जहां सत्संग व ध्यान करना चाहिए वहीं संतों व महापुरूषों का सम्मान भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मनुष्य पढ़-लिखकर विद्वान बन सकता है, अफसर बन सकता है लेकिन महापुरूष कदापि नहीं बन सकता है। महापुरूष बनने के लिए मनुष्य को जहां महान सद्गुणों से पूर्ण होना चाहिए वहीं उनमें अंतत: प्रकाश ही होना चाहिए। बाबा ने कहा कि यदि हम मूर्ति पूजा करते हैं तो केवल मूर्ति का दर्शन करने से काम नहीं चलेगा वरन मूर्ति के अंदर वास करने वाले का भी दर्शन करना होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने में व्यवस्थापक संजय दास, शोभाकांत यादव, महेंद्र भगत, कृष्णचंद्र भगत, उमाकांत यादव आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।


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